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मार्गशीर्ष अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना बढ़ सकती हैं समस्याएं!

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का विशेष महत्व है. इस साल यह अमावस्या 1 दिसंबर, बुधवार को पड़ रही है. इस दिन पितरों के निमित्त किए गए कार्य और दान-पुण्य का विशेष फल मिलता है. वहीं, कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिन्हें इस दिन करना वर्जित माना गया है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए.

मार्गशीर्ष अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना बढ़ सकती हैं समस्याएं!
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 19 Nov 2024 9:02 AM

Margashirsha Amavasya 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का विशेष महत्व है. इस साल यह अमावस्या 1 दिसंबर, बुधवार को पड़ रही है. इस दिन पितरों के निमित्त किए गए कार्य और दान-पुण्य का विशेष फल मिलता है. वहीं, कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिन्हें इस दिन करना वर्जित माना गया है. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए.

पितरों के निमित्त दान

इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, काले चावल, काली दाल, काले वस्त्र और दक्षिणा का दान करें.

गंगा स्नान और हवन-अनुष्ठान

गंगा नदी में स्नान करना शुभ होता है. अगर संभव न हो तो स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं. इस दिन किए गए हवन-अनुष्ठान से कार्य सिद्धि के लिए चौगुना फल प्राप्त होता है.

दीप प्रज्वलन

संध्याकाल में घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है.

पीपल की पूजा

पीपल के वृक्ष की पूजा ब्रह्म मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त में करें. इससे पितरों को शांति मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन वर्जित कार्य

शुभ कार्य से बचें

घर खरीदने, वाहन लेने या कोई नया व्यापारिक अनुबंध करने से इस दिन बचें.

काले वस्त्र पहनना वर्जित

काले वस्त्र राहु का प्रतीक होते हैं, जो इस दिन नकारात्मकता को बढ़ाते हैं.

रात्रि में नहाना और सोना

इस दिन रात्रि या संध्या समय नहाने और सोने से बचें. यह अशुभ माना जाता है.

खंडित वस्तुएं न रखें

घर में खंडित मूर्तियां, टूटे बर्तन या अन्य वस्तुएं न रखें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं.

*किसी का दिया मीठा न खाएं

इस दिन किसी के द्वारा दिया गया मीठा ग्रहण करने से बचें. यह अशुभ प्रभाव डाल सकता है.

मार्गशीर्ष अमावस्या आत्मशुद्धि, पितरों के तर्पण और दान-पुण्य का विशेष अवसर है. सही रीति-नीति से किए गए कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं, वहीं वर्जित चीजों से बचना जरूरी है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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