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Chhath Puja 2024: छठ पूजा के पहले दिन क्यों खाती हैं व्रती महिलाएं लौकी-भात? रहस्य है बेहद रोचक

हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है और इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के दिन से होती है. नहाय-खाय के दिन व्रती महिलाएं लौकी की सब्जी, चने की दाल और भात (चावल) का सेवन करती हैं. इस दिन पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है और भोजन में प्याज-लहसुन का उपयोग नहीं किया जाता.

Chhath Puja 2024: छठ पूजा के पहले दिन क्यों खाती हैं व्रती महिलाएं लौकी-भात? रहस्य है बेहद रोचक
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 5 Nov 2024 8:57 PM

Chhath Puja 2024: हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है और इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के दिन से होती है. नहाय-खाय के दिन व्रती महिलाएं लौकी की सब्जी, चने की दाल और भात (चावल) का सेवन करती हैं. इस दिन पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है और भोजन में प्याज-लहसुन का उपयोग नहीं किया जाता. लौकी-भात खाने की यह परंपरा इस पर्व के सात्विक आहार का एक अभिन्न हिस्सा है.

लौकी-भात का महत्व

नहाय-खाय के दिन लौकी और भात का सेवन करने के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं. चूंकि छठ पूजा का व्रत निर्जला रखा जाता है और यह 36 घंटे लंबा होता है, इसलिए शरीर में जल की कमी हो जाती है. लौकी और चावल में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो व्रती के शरीर को हाइड्रेटेड रखती है और लंबे व्रत के दौरान शक्ति प्रदान करती है. साथ ही, यह सात्विक भोजन शरीर और मन को संतुलित रखता है, जिससे व्रत का पालन सरल बनता है.

ज्योतिष शास्त्र में लौकी-भात का महत्व

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, लौकी का संबंध मन की शांति और एकाग्रता से है. नहाय-खाय के दिन लौकी और भात का सेवन करने से व्रती महिलाओं के मन में शांति बनी रहती है, जिससे वे ध्यान और एकाग्रता के साथ व्रत रख पाती हैं. इस भोजन को सकारात्मकता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है, जो व्रती को नकारात्मक विचारों से दूर रखता है और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है. लौकी-भात का सेवन करने से व्रत रखने वाले व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है, जिससे वह श्रद्धा के साथ पूजा कर पाता है.

पवित्रता और सात्विकता का प्रतीक

छठ पूजा में पवित्रता और सात्विकता का विशेष महत्व है. लौकी-भात जैसे सात्विक भोजन से व्रती को ऊर्जा और शुद्धता का अनुभव होता है, जिससे वे पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ छठ पूजा कर सकते हैं. यही कारण है कि नहाय-खाय के दिन लौकी-भात का सेवन इस महापर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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