विधानसभा में गरमाया राम रहीम केस, मुकदमे की मंजूरी नहीं मिलने पर सवाल
डेर प्रमुख राम रहीम के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दो साल पहले ही अनुमति मांगी गई थी, लेकिन सरकार ने उस फाइल को होल्ड कर के रखा है.

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर केस चलाने के लिए दो साल बाद भी मंजूरी नहीं मिलने का मुद्दा एक बार फिर से गर्म होने लगा है. सोमवार को यह मुद्दा पंजाब विधानसभा में भी उठा. इसमें कहा गया है कि दो साल पहले ही केस फाइल मंजूरी के लिए सरकार के पास भेज दी गई थी, लेकिन अब तक इस मामले में कोई एक्शन नहीं हुआ है. विधानसभा में यह मुद्दा जालंधर से कांग्रेस विधायक परहत सिंह ने उठाया. कहा कि इस मामले में राम रहीम नामजद है, लेकिन सरकार मुकदमा चलाने की अनुमति ही नहीं दे रही.
विधानसभा में नेशनल हाईवे के लिए जमीनों के अधिग्रहण का भी मुद्दा उठा. इसमें किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की गई. विधानसभा के इस सत्र के पहले ही दिन नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पूरे रौ में दिखे. उन्होंने कहा कि विधानसभा में कैमरे लगाने के लिए अब तक कोई नियम नहीं बना है. इस मुद्दे पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई है. इसी क्रम में विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि कि विधान सभा में 117 सदस्य हैं. इन सभी को कम से कम 10 मिनट का समय मिलना चाहिए. इस हिसाब से 1170 घंटे बनते हैं. इन सभी सदस्यों को मौका देने के लिए सत्र को 8 से 9 दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है.
साल में 40 दिन के सत्र की उठी मांग
उन्होंने राज्य में किसानों की स्थिति और कानून व्यवस्था खराब होने का हवाला देते हुए कहा कि तमाम विधायक यहां अपने क्षेत्र की समस्या उठाने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें मौका ही नहीं मिलता. उन्होंने हर साल कम से कम विधानसभा की बैठक 40 दिन करने की मांग रखी. इस मौके पर कांग्रेस विधायक संदीप जाखड़ ने सरकार से कृषि नीति को उजागर करने की मांग की. कहा कि कृषि विभाग ने तीन पहले ही नीति तैयार कर ली थी, लेकिन आज तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया. चंडीगढ़ में प्रदर्शन कर रहे किसानों की भी यही मांग है. उन्होंने इस नीति पर चर्चा करने के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की.