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नहीं देखा होगा दुनिया का सबसे महंगा केला, 52 करोड़ है कीमत, जानें खासियत

52 करोड़ रुपये का यह साधारण-सा केला सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि सोचने और समझने का एक नया नजरिया पेश करता है. इसे देखकर यह साफ होता है कि कला और विचार की दुनिया में कुछ भी संभव है.

नहीं देखा होगा दुनिया का सबसे महंगा केला, 52 करोड़ है कीमत, जानें खासियत
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 24 Nov 2024 10:41 PM

केला ऐसा फल है जिसे हर कोई खा चुका होगा. आमतौर पर बाजार में एक दर्जन केले की कीमत 50-70 रुपये होती है. लेकिन अगर हम कहें कि एक केला 52 करोड़ रुपये में बिका, तो क्या आप इस पर यकीन करेंगे? सुनने में भले ही यह अजीब लगे, लेकिन यह सच है. दरअसल, यह केला खाने के लिए नहीं, बल्कि एक खास आर्टवर्क का हिस्सा था, जिसे इतालवी कलाकार मौरिजियो कैटेलन ने तैयार किया था.

केले पर आधारित 'कॉमेडियन' बना आर्टवर्क

मौरिजियो कैटेलन ने अपने आर्टवर्क ‘कॉमेडियन’ में एक साधारण केले का इस्तेमाल किया. उन्होंने इस केले को टेप से दीवार पर चिपकाया और इसे न्यूयॉर्क के सोथबी में नीलामी के लिए रखा. इस आर्टवर्क की शुरुआती बोली आठ लाख डॉलर से शुरू हुई और महज पांच मिनट में इसकी कीमत 62 लाख डॉलर यानी करीब 52 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. इसे क्रिप्टोक्यूरेंसी प्लेटफॉर्म TRON के संस्थापक जस्टिन सन ने खरीदा.

क्यों खास है यह आर्ट?

यह आर्टवर्क अपनी सादगी के कारण चर्चा में रहा. दीवार पर चिपका हुआ एक साधारण केला देखने में जितना सरल था, उतना ही इसके पीछे छिपा संदेश गहरा था. इस आर्टवर्क को हास्य और कला के अनोखे मिश्रण के रूप में देखा गया. एक सदस्य ने कहा कि यह वाडेविल कॉमेडी और केले के छिलकों से प्रेरित है. इस कला को बनाने का उद्देश्य सिर्फ हंसाना नहीं था, बल्कि इसके जरिए गहरे अर्थों को समझाने की कोशिश की गई.

खरीदार की नई जिम्मेदारी

आर्टवर्क खरीदने के बाद जस्टिन सन को इसे बनाए रखने के लिए एक अनोखी जिम्मेदारी निभानी होगी. चूंकि केला कुछ समय बाद खराब हो जाता है, इसलिए उन्हें इसे समय-समय पर बदलना होगा. यह प्रक्रिया कला के साथ जुड़ी एक अनोखी चुनौती है, क्योंकि नया केला भी उसी तरह से टेप कर आर्टवर्क का हिस्सा बनाना होगा.

चर्चा का केंद्र बना यह आर्ट

यह आर्टवर्क तब और चर्चा में आया जब एक अन्य कलाकार ने इसे दीवार से निकालकर खा लिया. इसके बावजूद इस कला की लोकप्रियता कम नहीं हुई. इस अनोखे आर्टवर्क ने यह साबित कर दिया कि कला का मूल्य उसके साधन में नहीं, बल्कि उसके विचार और संदेश में होता है.

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