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HIV रोकने वाला इंजेक्शन अब तैयार, अमेरिकी FDA ने दी मंजूरी, जानें यह दवाई कैसे करती है काम

HIV से बचने के लिए अभी तक लोगों को PrEP के तौर पर रोज़ गोलियां लेनी पड़ती थीं. इसके अलावा हर दो महीने में एक इंजेक्शन लगाना जरूरी है, लेकिन अब इस बीमारी से लड़ने के लिए साल में दो बार इंजेक्शन लेना होगा. इस दवा को अमेरिकी FDA ने मंजूरी दी है.

HIV रोकने वाला इंजेक्शन अब तैयार, अमेरिकी FDA ने दी मंजूरी, जानें यह दवाई कैसे करती है काम
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( Image Source:  Freepik )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 21 Jun 2025 2:12 PM IST

एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस एक ऐसा वायरस है, जो इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है. यह वायरस खासतौर पर शरीर के उन व्हाइट ब्लड सेल्स (CD4 cells) पर हमला करता है, जो हमें बीमारियों से बचाने का काम करती हैं. अगर एचआईवी का इलाज न किया जाए, तो यह धीरे-धीरे इम्यून सिस्टम को इतना कमजोर कर देता है कि शरीर मामूली संक्रमण से भी लड़ नहीं पाता है.

अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस बीमारी के लिए एक दवा को मंजूरी दे दी है और इसे बहुत बड़ी सफलता माना जा रहा है. एक ऐसी दवा जिसे साल में सिर्फ दो बार इंजेक्शन के रूप में लेना होगा, अब एचआईवी संक्रमण से बचाव में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है.

क्या है ये नई दवा?

इस दवा का नाम है लेनाकापावीर (Lenacapavir) और इसे अब बाज़ार में येस्टुगो (Yuztugo) नाम से बेचा जाएगा. यह दवा दुनिया की दवा बनाने वाली बड़ी कंपनी गिलियड ने बनाई है.

क्यों है ये दवा खास?

अब तक एचआईवी से बचने के लिए PrEP (Pre-Exposure Prophylaxis) के तौर पर रोज़ाना गोली या हर दो महीने में एक इंजेक्शन लेना पड़ता था. लेकिन इस नई दवा की खासियत यह है कि सिर्फ दो इंजेक्शन साल में लगवाने से ही एचआईवी वायरस से लगभग 99.9% सुरक्षा मिल सकती है.

कैसे काम करती है लेनाकापावीर?

HIV वायरस के अंदर एक "कैप्सिड" नाम का प्रोटीन शेल होता है, जो उसके जीन को सुरक्षित रखता है. लेनाकापावीर इसी कैप्सिड से जुड़कर वायरस को नए सेल्स में फैलने से रोकती है. इस तरह वायरस शरीर में बढ़ ही नहीं पाता और वायरस रुक जाता है.

WHO ने क्या कहा?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एफडीए की इस मंजूरी का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे अब यह दवा कई देशों में जल्दी पहुंच सकती है. डब्लूएचओ का मानना है कि यह दवा ' रोज़ गोली खाने की झंझट खत्म कर सकती है. बार-बार अस्पताल जाने से राहत देगी और एचआईवी से जुड़े टैबू को भी कम कर सकती है.

किन लोगों को दी जाती है PrEP?

PrEP दवाएं उन लोगों के लिए होती हैं, जो इस वायरस के ज्यादा खतरे में रहते हैं. इनमें जिनके पार्टनर एचआईवी पॉजिटिव हैं, जो बार-बार पार्टनर बदलते हैं, सेक्स वर्क में शामिल लोग और ड्रग्स को इंजेक्शन से लेने वाले लोग शामिल हैं. PrEP लेने से पहले एचआईवी की जांच कराना जरूरी होता है. अगर यह बीमारी पहले से हो, तो यह दवा अकेले असरदार नहीं होगी.

अभी कौन-कौन सी PrEP दवाएं मौजूद हैं?

  • गोलियां: ट्रूवाडा और डेस्कोवी
  • इंजेक्शन: कैबोटेग्रावीर (हर दो महीने)
  • वेजाइना रिंग: डेपीविरिन (महिलाओं के लिए)
  • अब इसमें लेनाकापावीर नाम की सालाना दो इंजेक्शन वाली दवा भी शामिल हो गई है.

क्या भारत में PrEP उपलब्ध है?

भारत में PrEP की जेनेरिक गोलियां उपलब्ध हैं और कुछ हद तक कैबोटेग्रावीर इंजेक्शन भी. लेकिन समस्या यह है कि ये दवाएं अभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम का हिस्सा नहीं हैं. इनकी कीमतें बहुत ज़्यादा हैं और लोगों को इसकी जानकारी भी कम है. लेनाकापावीर की सालाना कीमत करीब $28,218 (लगभग 23 लाख) है, जो ज़्यादातर लोगों के लिए संभव नहीं है.


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