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इस आयुर्वेदिक तरीके से कंट्रोल करें हाइ ब्लड प्रेशर

उच्च रक्तचाप यानी कि हाई ब्लड प्रेशर (हाई बीपी) आज एक आम स्वास्थ्य समस्या हो गई है। कुछ वर्षों पहले तक यह सिर्फ बुजुर्गों में होती थी, लेकिन आजकल हाई बीपी का खतरा नौजवानों में भी है।

इस आयुर्वेदिक तरीके से कंट्रोल करें हाइ ब्लड प्रेशर
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 19 Sept 2024 11:00 PM IST

उच्च रक्तचाप यानी कि हाई ब्लड प्रेशर (हाई बीपी) आज एक आम स्वास्थ्य समस्या हो गई है। कुछ वर्षों पहले तक यह सिर्फ बुजुर्गों में होती थी, लेकिन आजकल हाई बीपी का खतरा नौजवानों में भी है। ऐसे में बीपी को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इससे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, क्रोनिक किडनी डिजीज, और डिमेंशिया जैसे खतरनाक बीमारियों के होने का जोखिम रहता है।

हाई ब्लड प्रेशर के मरीज आमतौर पर इसे कंट्रोल रखने के लिए दवाएं खाते हैं। लेकिन यदि आप बिना किसी दवा नेचुरल रूप से बीपी कम करने का उपाय खोज रहे हैं, तो इसके लिए बांज की छाल का काढ़ा बहुत फायदेमंद साबित होता है। आइए, समझते हैं किस तरह यह आयुर्वेदिक नुस्खा आपके स्वास्थ्य को सुधार सकता है।

बांज के पेड़ की छाल से बीपी कंट्रोल

इस पेड़ की छाल को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इससे ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिलती है। यदि आपका बीपी बढ़ा हुआ है तो रोज खाली पेट बांज के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर पीएं। इससे कुछ ही समय में ब्लड प्रेशर नॉर्मल रेंज में पहुंचने लगेगा और आपको इसके लिए दवाओं का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।

बांज के छाल के फायदे

सिर्फ हाई बीपी को कंट्रोल करना ही नहीं, बांज की झाल के कई फायदे हैं।

बांज के छाल का काढ़ा पाचन तंत्र को मजबूत करता है और अपच की समस्या को दूर करता है।

बांज के पेड़ के पत्तों का काढ़ा डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि यह शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

बांज के पेड़ में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। साथ ही इससे बचाव भी करता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

अगर आपको हाई बीपी की समस्या हो रही है, तो आपको अपने खानपान पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है। इसके साथ ही रेगुलर फिजिकल एक्सरसाइज बीपी की बीमारी से बचने के लिए फायदेमंद होती है। अगर आप देर तक कुर्सी पर बैठने वाला काम करते हैं तो आपको समय-समय पर शारीरिक गतिविधि करना जरूरी है।

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