30 के हो गए हैं तो इन चीजों का तुरंत शुरू करें सेवन, दूर रहेगी थकान
30 वर्ष का आयु के बाद शरीर में अजीब सी थकान महसूस होने लगती है। वो सब जो आप पहले झट से कर लेते थे, उसे करने में अब परेशानी महसूस होती है।

30 वर्ष का आयु के बाद शरीर में अजीब सी थकान महसूस होने लगती है। वो सब जो आप पहले झट से कर लेते थे, उसे करने में अब परेशानी महसूस होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा है, तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। ये तो बस शुरुआत है। 30 की उम्र को बुढ़ापे की शुरुआत माना जाता है।
ऐसे में आपको कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए, जिससे आपमें उर्जा बनी रहे और बुढ़ापा दूर ही रहे।
इन जड़ी-बूटियों के अंदर एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लामेटरी, प्लांट कंपाउंड आदि होते हैं। यह सेल्स को हेल्दी बनाकर रखते हैं। इनसे बीमारी तो दूर रहती ही है बल्कि आपका चेहरा और स्किन भी जवान दिखते हैं। इन एंटी एजिंग जड़ी बूटियों का इस्तेमाल 30 की उम्र से कर देना चाहिए।
ब्राह्मी
उम्र बढ़ने का सबसे बड़ा असर दिमाग पर पड़ता है। आप अक्सर कुछ न कुछ भूलते रहते हैं। कुछ नया सीखना और समझना तो काफी मुश्किल हो जाता है। इसके लिए ब्राह्मी जड़ी बूटी का इस्तेमाल करना चाहिए। यह सबसे ताकतवर नेचुरल ब्रेन टॉनिक है। गुनगुने दूध के साथ इसका पाउडर लेने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है।
तुलसी
तुलसी की ताकत को नजरअंदाज न करें। इसके पत्तों को रोजाना चबाने से फ्लेवेनोइड और पॉलीफेनोल्स मिलते हैं। यह किसी भी बड़ी बीमारी से बचने के लिए सेल्स को हेल्दी बनाते हैं। इम्यूनिटी बढ़ने से इंफेक्शन दूर रहते हैं और संभावित उम्र बढ़ती है।
शिलाजीत
उम्र बढ़ने पर याददाश्त, टेस्टोस्टेरोन, एनर्जी, खून, फर्टिलिटी, हार्ट हेल्थ कम होने लगती है। इन समस्याओं को यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी सही करती है। आप इसे हल्के गर्म दूध के साथ खा सकते हैं।
अश्वगंधा
यह शरीर का हर तरह का स्ट्रेस दूर करती है, इम्यूनिटी बढ़ाती है और शरीर में जान भरती है। आप इसका पाउडर गुनगुने दूध या देसी घी के साथ सेवन कर सकते हैं। इनके अंदर दिल के लिए खतरनाक कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, प्लाक को खत्म करने की ताकत होती है।
केसर
दूध में घोलकर पीने वाली चीजों में केसर भी है। यह एक असरदार एंटी एजिंग फूड है। पुराने जमाने में महिलाओं की सुंदरता और नूर बढ़ाने के लिए इसका सेवन करवाया जाता था। यह सेल्स को रिपेयर और रिजुवनेट करने में मदद करता है। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है और बुढ़ापे के लक्षण कम होते हैं।