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Dussehra 2024: देश की इन जगहों पर नहीं होता रावण दहन, भगवान के रूप में दशानन की होती है पूजा

हिंदू धर्म में हर साल अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार मनाया जाता है , यह तिथि आमतौर पर अक्टूबर के महीने में पड़ती है. इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर असत्य पर सत्य की जीत हासिल की थी. वहीं, इस दिन मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है.

Dussehra 2024: देश की इन जगहों पर नहीं होता रावण दहन, भगवान के रूप में दशानन की होती है पूजा
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Credit- ANI
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 12 Oct 2024 12:11 PM IST

आज पूरे देश में दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा. दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से रामायण की कथा से जुड़ा हुआ है, जिसमें भगवान राम ने इस दिन रावण का वध किया था. हिंदू धर्म में दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक माना जाता है. इस दिन रावण के साथ-साथ दशहरा मेघनाद और कुंभकर्ण का भी पुतला जलाया जाता है. जहां देश में दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है, वहीं ऐसी कई जगहे हैं, जहां यह इस दिन रावण को जलाने की परंपरा नहीं है.

गढ़चिरौली, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में गोंड जनजाति के लोग रहते हैं. यह लोग खुद को रावण का वंशज कहते हैं. इस कारण से यहां रावण को भगवान मानकर उनकी पूजा की जाती है. इतना ही नहीं, इन लोगों का मानना है कि तुलसीदास रचित रामायण में रावण के व्यक्तित्व को गलत तरीके से दिखाया गया है. इस वजह से यहां रावण का पुलता नहीं जलाया जाता है.

मंडोर, राजस्थान

राजस्थान के मंडोर गांव में भी दशहरा नहीं मनाया जाता है. यहां के लोगों का कहना है कि यह मंदोदरी के पिता की राजधानी थी. साथ ही, मंडोर गांव में ही रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था. ऐसे में यहां रावण को दमाद माना जाता है. इसलिए यहां रावण को जलाने की बजाय भगवान के रूप में पूजा जाता है.

मंदसौर, मध्य प्रदेश

जहां पूरे देश में दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है. वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मंदसौर में रावण को जलाया नहीं जाता है. मान्यता है कि यह शहर रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका है. वह इस शहर की रहने वाली थीं. ऐसे में माना जाता है ससि रावण मंदसौर शहर का दामाद है. इसलिए इस शहर में दशहरा के दिन रावण को जलाने के बजाय उनकी पूजा करने का विधान है.

कांकेर, छत्तीसगढ़

दशहरा के दिन भगवान राम ने दशानन का वध किया था. वहीं, छत्तीसगढ़ में यह त्योहार नहीं मनाया जाता है. यहां रावण की विद्वान के रूप में पूजा करने का रिवाज है. ऐसे में यहां इस दिन रावण दहन के बजाय उनके ज्ञान और बल को याद करने की परंपरा है.

बिसरख, नोएडा

उत्तर प्रदेश के बिसरख गांव में इस दिन रावण की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस गांव में रावण का जन्म हुआ था. ऐसे में रावण को यहां के लोगों का पूर्वज माना जाता है. इस कारण से यहां दशहरा मनाने का रिवाज नहीं है. इस दिन इस गांव के लोग रावण की आत्मा की शांति की कामना करते हैं.

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