बच्चा बेवजह चिड़चिड़ाता है तो एडीएचडी का हो सकता है संकेत, जानें लक्षण
एडीएचडी का मतलब होता है अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर। यह बच्चों को प्रभावित करने वाले सबसे आम मानसिक बीमारी में से एक है।

कुछ बच्चे घंटों तक रंग भरने या चुपचाप ब्लॉकों के साथ खेलने में खुश रहते हैं। वहीं कुछ बच्चे दो मिनट भी शांत नहीं बैठ पाते। ये एडीएचडी के लक्षण भी हो सकते हैं। यह बच्चों में बेहद आम है। आइए, जानते हैं इस मेंटल कंडीशन के बारे में।
एडीएचडी का मतलब होता है अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर। यह बच्चों को प्रभावित करने वाले सबसे आम मानसिक बीमारी में से एक है। यह एक न्यूरो डेवलपमेंटल विकार है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चे में फोकस की कमी, अतिसक्रियता और आवेगशीलता के लक्षण पाए जाते हैं। अधिकतर यह थोड़े बहुत देखभाल से बचपन में ही ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी बड़े होने तक बना रहता है। ऐसे में बच्चों के बर्ताव को समझना और उन्हें संभालना जरूरी हो जाता है।
लक्षण
एडीएचडी की समस्या अक्सर प्री-स्कूल या केजी तक के बच्चों में देखी जाती है। कुछ बच्चों में किशोरावस्था में यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। एडीएचडी से पीड़ित बच्चे में असावधानी और अतिसक्रियता, दोनों के लक्षण होते हैं। जैसे कि बिना अनुमति के दूसरों का सामान ले लेना या उनको परेशान करना। दूसरों की बात न सुनना, बस अपनी बातों को ऊपर रखना, बिना वजह चिल्लाना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
कब दें ध्यान?
बच्चा किसी भी काम में लंबे समय तक ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता। हमेशा बहुत ज्यादा एनर्जी से भरा रहता है और शांत नहीं बैठता है। बच्चा अक्सर अपने काम को शुरू तो करता है, लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाता है। जैसे अगर वह खेलते समय एक खिलौने को छोड़कर दूसरे की ओर भागता है। बच्चा दूसरों के साथ खेलते समय भी कई मुश्किलें खड़ा करे, जैसे कि दोस्तों से झगड़ा करना, उनकी बात न सुनना या खेल के नियमों का पालन न करना।
इलाज
अगर आपके बच्चे में ये लक्षण हैं भी तो घबराने की जरूरत नहीं है। मनोचिकित्स क की मदद से बच्चे की स्थिति को सुधारा जा सकता है। एडीएचडी का इलाज एक योग्य चिकित्सक या मनोचिकित्सक ही कर सकता है। इसके लिए डॉक्टर परिवार का इतिहास, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान की जानकारी और अन्य जानकारियों की मदद से उनका इलाज करते हैं।