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पुरुष पार्टनर भी जान लें गर्भनिरोधक गोलियों के ये गंभीर साइडइफेक्ट्स

इन गोलियों के भी कुछ संभावित नुकसान और साइड इफेक्ट होते हैं, जिनसे न सिर्फ हर महिला को, बल्कि उनके पार्टनर को भी अवगत होना चाहिए।

पुरुष पार्टनर भी जान लें गर्भनिरोधक गोलियों के ये गंभीर साइडइफेक्ट्स
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 26 Sept 2024 9:01 PM IST

सेक्स एजुकेशन की आवश्यकता को लेकर पिछले कुछ सालों में जागरूकता बढ़ी है। हालांकि, अब भी इस क्षेत्र में भारतीय समाज को एक लंबा सफर तय करना है। आज भी जानकारी या संयम के आभाव में किशोर ऐसी गलतियां करते हैं, जिनके गंभीर परिणाम होते हैं।

एक आम गलती जो न सिर्फ किशोर बल्कि वयस्क कपल भी करते हैं। हम बात कर रहे हैं गर्भनिरोधक गोलियों की। गर्भनिरोधक गोलियों को बर्थ कंट्रोल पिल्स भी कहा जाता है, जो महिलाओं के लिए गर्भधारण को रोकने का एक प्रभावी और व्यावहारिक तरीका हैं। हालांकि, हर दवा की तरह इन गोलियों के भी कुछ संभावित नुकसान और साइड इफेक्ट होते हैं, जिनसे न सिर्फ हर महिला को, बल्कि उनके पार्टनर को भी अवगत होना चाहिए।

डॉक्टरों के अनुसार, ये गोलियां हार्मोन पर आधारित होती हैं, जिनमें या तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन का संयोजन होता है, या सिर्फ प्रोजेस्टिन। ये अंडाशय से अंडों के निकलने की प्रक्रिया (ओव्यूलेशन) को रोकती हैं और गर्भाशय के ग्रीवा (सर्विक्स) के आस-पास के म्यूकस को गाढ़ा कर देती हैं, जिससे शुक्राणु का गर्भाशय तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। अगर इन गोलियों को सही तरीके से लिया जाए, तो ये 99 प्रतिशत से भी ज्यादा प्रभावी होती हैं।

हालांकि ये गोलियां ज्यादातर महिलाओं के लिए सुरक्षित होती हैं, लेकिन कुछ महिलाएं गंभीर साइड इफेक्ट्स का सामना कर सकती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, इनके गंभीर साइडइफेक्ट हो सकते हैं। आइए, जानते हैं इनके बारे में।

स्तन कैंसर का खतरा: कुछ शोध ने यह सुझाव दिया है कि गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

दिल की बीमारी: इन गोलियों के लंबे समय तक उपयोग से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ता है।

खून के थक्के (ब्लड क्लॉट्स): गर्भनिरोधक गोलियों से खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ सकता है, खासकर उन महिलाओं में जो धूम्रपान करती हैं या जिनकी उम्र 35 साल से ज्यादा है।

लिवर संबंधी समस्याएं: गर्भनिरोधक गोलियां कुछ महिलाओं में लिवर के ट्यूमर का कारण बन सकती हैं।

मूड स्विंग्स और डिप्रेशन: हार्मोनल बदलावों के कारण कुछ महिलाएं मूड स्विंग्स, चिंता या डिप्रेशन का सामना कर सकती हैं।

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