जरा सा जीरा सेहत के लिए हीरा, जानें फायदे
जीरा का इस्तेमाल दुनियाभर में मसाले के रूप में होता है। आयुर्वेद में भी जीरा एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

जीरा का इस्तेमाल दुनियाभर में मसाले के रूप में होता है। आयुर्वेद में भी जीरा एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जीरा का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा के तौर पर पाचन, फेफड़े और लिवर से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता आ रहा है। इसका कारण है कि जीरा शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-सेप्टिक और एंटी-हाइपरटेंसिव एजेंट के साथ-साथ ओलियोरेसिन, टैनिन, सेस्क्यूटरपीन जैसे तत्वों से भी भरपूर होता है। आइए, आपको जीरे के कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में बताते हैं।
कैंसर से बचाव
कई रिसर्च के मुताबिक, जीरे में मौजूद एंटी-कैंसर प्रभाव कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। इसके अलावा, इसमें ल्यूटिन नामक पोषक तत्व पाया जाता है जो एक कारगर एंटी-ऑक्सीडेंट है।यह एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को बेअसर कर स्तन कैंसर के साथ-साथ कई तरह के कैंसर को पनपने से रोकने में मदद कर सकता है।इसके लिए अपनी डाइट में जीरे से युक्त व्यंजनों को शामिल करें।
वजन नियंत्रण
बढ़ता वजन हृदय रोग, मधुमेह और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। ऐसे में इसे नियंत्रित रखना जरूरी है। इसके लिए जीरे का सेवन करना लाभदायक है। एक स्टडी के अनुसार, जिन लोगों ने आठ हफ्ते तक जीरे का सेवन किया उनमें बॉडी मास इंडेक्स और कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हुआ। इसलिए वजन घटाने के लिए जीरे का सेवन करना लाभदायक हो सकता है।
पाचन क्रे लिए लाभदायक
कई रिसर्च के मुताबिक, जीरा गर्भवती महिलाओं में सिजेरियन सेक्शन के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों से बचाने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद कर सकता है।यह पेट दर्द, सूजन और एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाने में भी कारगर है।इसके अतिरिक्त, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) प्रभाव के कारण जीरा इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) के रोगियों में पेट दर्द और ऐंठन को नियंत्रित कर सकता है।
मेंटल हेल्थ
जीरे में ट्रिप्टोफैन नामक एक खास एंटी-ऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा मौजूद होती हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ देने में मदद कर सकता है।यह चिंता, तनाव, अवसाद और अनिद्रा जैसे मानसिक विकारों को दूर रखने में काफी सहायक हो सकता है।