जानलेवा हो सकती है आपकी नाइट शिफ्ट! जानें न सोनें को भयानक परिणाम
माना जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए हर किसी को दिनभर में 7 से 8 घंटे बिना रुकावट के सोना चाहिए। एक सुकूनभरी नींद भला किसे अच्छी नहीं लगती।

माना जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए हर किसी को दिनभर में 7 से 8 घंटे बिना रुकावट के सोना चाहिए। एक सुकूनभरी नींद भला किसे अच्छी नहीं लगती।
लंबे समय तक बिना नींद लिए रहना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। वयस्कों को रोज रात को 7 घंटे से अधिक समय की नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए। लंबे वक्त तक लगातार बिना सोए रहने पर डिप्रेशन, डायबिटीज, मोटापा, दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है। नींद हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। ये हमारी शरीर की कई सिस्टम को आराम करने और मरम्मत करने एवं नुकसान से उबरने के लायक बनाती है।
नींद के पहले तीन स्टेजेज के दौरान पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव होता है, जो पाचन क्रिया और आराम की अवस्था में जाने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। इससे हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।
नाइट शिफ्ट बन सकती है मुसीबत
लंबे समय तक ना पूरी नींद न लेने वालों को स्वास्थ्य को लेकर कई जोखिम उठाने पड़ सकते हैं। देर रात तक काम करना या लंबे समय तक नाइट शिफ्ट करना आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
नींद की भरपाई अक्सर मेटाबॉलिक फंक्शन में आए बदलावों को नहीं पलटती, जो वजन बढ़ने और ‘इंसुलिन सेंसिटिविटी’ में कमी का कारण बनते हैं। अलग-अलग पाली में काम करने वाले पेशेवरों को अक्सर नींद की कमी का सामना करना पड़ सकता है। नाइट शिफ्ट में काम करने वाले डे शिफ्ट में काम करने वालों के मुकाबले आमतौर पर रोजाना औसतन एक से चार घंटे कम सोते हैं। इससे उनकी असामयिक मौत का जोखिम बढ़ सकता है।
कम सोने से मौत को मिलती है दावत
कई रिसर्च में पहले ही खुलासा हो चुका है कि बहुत कम नींद असामयिक मौत के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हुई है। इसी तरह बहुत अधिक नींद का भी असामयिक मौत के बढ़ते जोखिम से कनेक्शन पाया गया है। ऐसे में बेहतर है कि लोग ‘नो-स्लीप चैलेंज’ जैसे सोशल मीडिया चैलेंज में शामिल होने से बचें और रोज रात को सात से नौ घंटे की मीठी नींद लेने की कोशिश करें।