स्क्रीनटाइम कम नहीं कर सकते तो ऐसे बचें आई स्ट्रेन से
आजकल किसी का भी काम लैपटॉप या मोबाइल के बिना नहीं होता है। ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताने के कारण आइ स्ट्रेन हो सकता है।

आजकल किसी का भी काम लैपटॉप या मोबाइल के बिना नहीं होता है। ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताने के कारण आइ स्ट्रेन हो सकता है। आइए, समझते हैं इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है।
क्या होता है आई स्ट्रेन?
आई स्ट्रेन तब होता है, जब आंखों को लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहना पड़ता है, जैसे कि कंप्यूटर स्क्रीन या किताब पढ़ते समय। यह आंखों की मांसपेशियों को तनाव देता है और टीयर ग्लैंड्स को कम आंसू प्रोड्यूस करने के लिए मजबूर करता है।
ऐसे बचें
सही चश्मा या लेंस पहनें- यदि आप चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं, तो समय समय पर अपने आंखों की जांच करवाते रहें और सही नंबर के लेंस लगाएं। साथ ही, आप ब्लू लेंस के चश्मों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे आई स्ट्रेन कम होगा।
20-20-20 नियम का पालन करें- हर 20 मिनट के स्क्रीन समय के बाद, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर की किसी चीज को देखें। यह आंखों को आराम देने और तनाव कम करने में मदद करता है।
आंखों को आराम दें- नियमित रूप से आंखों को आराम देने के लिए ब्रेक लें। आप आंखों बंद करके कुछ मिनट के लिए आराम कर सकते हैं या आंखों की कोई एक्सरसाइज कर सकते हैं।
स्क्रीन की रोशनी को सही रखें- कंप्यूटर या फोन की स्क्रीन की रोशनी को सही रखें, ताकि आंखों पर कम तनाव पड़े। ज्यादा या कम स्क्रीन लाइट के कारण आई स्ट्रेन हो सकता है।
आंखों को पर्याप्त नमी दें- आंखों को सूखने से रोकने के लिए नियमित रूप से आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
रोशनी में काम करें- ध्यान रखें कि आपके काम करने की जगह पर सही मात्रा रोशनी हो। अंधेरे में फोन आदि पर देखने से आंखों पर जोर पड़ता है और आई स्ट्रेन आ सकता है।
आंखों की एक्सरसाइज करें- नियमित आंखों की एक्सरसाइज करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और आई स्ट्रेन को कम करने में मदद मिलती है।
ये हैं आइ स्ट्रेन के लक्षण
आंखों में सूखापन और जलन
आंखों में थकान और दर्द
धुंधला या दोहरा दिखना
सिर दर्द
आंखों में खुजली
लाइट सेंसिटिविटी