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किताबी शिक्षा ही नहीं, बच्चों को यूं बनाएं रचनात्मक

आजकल के तनाव भरे माहौल में जितनी जरूरी स्कूली शिक्षा है, उतना ही जरूरी है जिंदगी को लेकर व्यावहारिक ज्ञान।

किताबी शिक्षा ही नहीं, बच्चों को यूं बनाएं रचनात्मक
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 6 Oct 2024 3:00 AM IST

आजकल के तनाव भरे माहौल में जितनी जरूरी स्कूली शिक्षा है, उतना ही जरूरी है जिंदगी को लेकर व्यावहारिक ज्ञान। जिंदगी की छोटी-मोटी मुश्किलों को हल करने के लिए रचनात्मकता काफी जरूरी है। ऐसे में आज के बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ रचनात्मकता सिखाना भी बेहद जरूरी है।

कहानी सुनाएं

रोजाना कहानी सुनाने का समय निर्धारित करें ताकि यह एक आदत बन जाए। इससे बच्चे न केवल उत्सुक रहते हैं, बल्कि उनके दिमाग का विकास भी होता है क्योंकि वे हर दिन कुछ नया सीखते हैं।इससे उनकी सोचने की क्षमता बढ़ती है और वे नए विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं।इस प्रकार कहानी सुनाना बच्चों की रचनात्मकता और मानसिक विकास के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है।

खुद कहानियां बनाना सिखाएं

बच्चों को खुद कहानियां बनाने के लिए प्रेरित करें।उन्हें एक शुरुआत दें और फिर उनसे पूछें कि आगे क्या हुआ होगा। इससे उनकी कल्पना शक्ति का विकास होता है और वे नए-नए विचार सोचने लगते हैं।आप उन्हें अलग-अलग पात्रों, स्थानों और घटनाओं के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।इसके अलावा बच्चों को अपनी कहानियों में खुद की समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए भी प्रेरित करें, जिससे उनकी समस्या-समाधान क्षमता भी बढ़ेगी।

चित्रों का करें इस्तेमाल

कहानियों को अधिक रोचक बनाने के लिए चित्रों का उपयोग करें।बच्चे चित्र देखकर आसानी से समझ पाते हैं और उनकी रुचि बनी रहती है। आप किताबों या इंटरनेट से चित्र निकालकर दिखा सकते हैं या खुद भी कुछ सरल चित्र बना सकते हैं।बच्चों को कहानियों के पात्रों और घटनाओं के चित्र बनाने के लिए प्रेरित करें, जिससे उनकी कल्पना शक्ति और रचनात्मकता में वृद्धि होगी। इस तरह वे कहानी को बेहतर समझेंगे और उसमें अधिक रुचि लेंगे।

कम्यूनिकेशन का दें ध्यान

कहानी सुनाते समय संवाद पर खास ध्यान दें। बच्चों को अलग-अलग पात्रों की आवाजें निकालकर दिखाएं और उनसे भी ऐसा करने को कहें।इससे उनकी भाषा कौशल में सुधार होता है और वे बेहतर तरीके से अपनी भावनाओं को व्यक्त कर पाते हैं।आप बच्चों को संवाद के माध्यम से कहानी में शामिल करें, जिससे उनकी सोचने और बोलने की क्षमता बढ़ेगी। इस तरह वे कहानी को अधिक जीवंत और रोचक पाएंगे, जिससे उनकी रचनात्मकता में वृद्धि होगी।

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