रिश्तेदारों के सामने शरारत करते हैं बच्चे, तो कभी न करें ये गलती
बच्चे जब परिचितों या रिश्तेदारों के अपने माता-पिता का स्वभाव विनम्र पाते हैं, तो अक्सर इसका फायदा उठाते हैं और अपनी मनमानी करते हैं।

बच्चे जब परिचितों या रिश्तेदारों के अपने माता-पिता का स्वभाव विनम्र पाते हैं, तो अक्सर इसका फायदा उठाते हैं और अपनी मनमानी करते हैं। ऐसे में बच्चों को शांत करने के लिए अक्सर माता-पिता उनपर गुस्सा करते हैं या खुद झुंझला जाते हैं। हालांकि, यह तरीका बिल्कुल गलत है। बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए जरूरी है कि आप बच्चे को प्यार से समझाएं, जिससे वे आपकी बात भी समझें और उनको तकलीफ भी न हो। बच्चों को समझाना इतना भी मुश्किल नहीं है। बस आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सबके सामने गुस्सा नहीं
शरारत करने पर बच्चों को सबके सामने डांटने या कमरे में बंद कर देने जैसी सख्त सजा कभी नहीं देनी चाहिए। यह उनके मन को चोट पहुंचाता है और उनमें चिड़चिड़ाहट पैदा कर सकता है। इसलिए आप उन्हें शरारत से होने वाले नुकसान के बारे में समझाएं। बच्चे को हमेशा प्यार से बताएं कि थोड़ी-बहुत हंसी-मजाक करना तो ठीक है, लेकिन ज्यादा शरारत करना संबंधियों के आगे माता-पिता की छवि को खराब करता है।
उनको समझें
अगर आप बच्चों की उम्र के हिसाब से खुद को उनकी जगह रखेंगी तो इस बात को समझ पाएंगी कि आखिर वे शरारत क्यों करते हैं। जब भी बच्चे रिश्तेदारों के सामने शरारत करें तो उन पर गुस्सा करने के बजाय उनकी भावनाओं को समझें। आप समझें कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं। हो सकता है, वे अपनी कोई बात मनवाना चाहते हों! इस स्थिति में आपको उन्हें बताना होगा कि ‘यह हमारा घर नहीं है। तुम्हें घर पर वह चीज मिल जाएगी।’ ऐसी बातें समझाने और कहने से बच्चे आपकी भावनाओं को समझ पाते हैं।
शांति से समझाएं
अच्छी परवरिश के लिए जरूरी है प्यार और शांति। आप जितना अधिक शांत भाव से अपने बच्चों की परवरिश करेंगी, बच्चे भी उतने ही सभ्य और आज्ञाकारी बनेंगे। जिन बच्चों के माता-पिता बात-बात पर गुस्से में आ जाते हैं या कुछ ज्यादा ही डांट डपट करते हैं, उनके बच्चे उनसे दूर हो जाते हैं और बातें छुपाने लगते हैं। ऐसे में इसका खामियाजा बच्चे के साथ साथ पूरे परिवार को भुगतना पड़ सकता है। इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरत है।