खड़े होकर पीते हैं पानी तो इन खतरों के बारे में जान लें
कई लोग खड़े होकर पानी पीते हैं। पानी पीने का यह एक गलत तरीका है, जिससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

दिन में 8-10 गिलास पानी पीना सेहतमंद माना जाता है। सेहतमंद रहने के लिए शरीर में पानी का होना बेहद जरूरी है। पानी पीने से हमारा शरीर हाइड्रेटेड रहता है, जिससे कई तरह की समस्याएं दूर रहती हैं। हालांकि, सिर्फ पानी पीना की काफी नहीं है। पानी पीने का तरीका भी काफी मायने रखता है।
कई लोग खड़े होकर पानी पीते हैं। पानी पीने का यह एक गलत तरीका है, जिससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। खड़े होकर पानी पीने से हमारे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है और यह नर्वस सिस्टम को धीमा कर देता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप भी अक्सर खड़े होकर ही पानी पीते हैं, तो आइए आपको इससे होने वाले नुकसान के बारे में जान लेना चाहिए।
पाचन में गड़बड़ी
आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होने पर पानी पीने से पानी शरीर में जबरदस्ती प्रवेश करता है, जिससे फ्लूइड बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे अपच हो जाता है। यही वजह है कि आयुर्वेदिक विशेषज्ञ बैठकर पानी पीने की सलाह देते हैं।
जोड़ों का दर्द
खड़े होकर पानी पीने से पोषक तत्वों का अब्जॉर्प्शन पर असर पड़ता है, जिससे जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है। जोड़ों में पानी जमा होने से घुटनों में दर्द और इससे जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
किडनी की समस्याएं
विशेषज्ञों के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। खड़े होकर पानी पीने से ज्यादा दबाव की वजह से पानी बिना छने पेट के निचले हिस्से में जा सकता है, जो संभावित रूप से किडनी की समस्याओं की वजह बन सकता है।
गठिया का खतरा
खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों में पानी जमा हो सकता है, जो संभावित रूप से गठिया यानी आर्थराइटिस का कारण बन सकता है। पानी में असंतुलन और ज्यादा मात्रा में टॉक्सिन्स जमा होने से गठिया की समस्या बड़ सकती है।
फेंफड़ों पर असर
खड़े होकर पानी पीने से यह तेजी से शरीर में प्रवेश करता है, जिससे फेफड़ों और दिल की फंक्शनिंग के लिए खतरा बढ़ जाता है। पानी की तेज गति ऑक्सीजन के स्तर को भी बाधित कर सकती है, जिससे प्यास अधूरी रह जाती है।