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सिर्फ हाई बीपी ही नहीं, आंत के लिए भी नुकसानदेह है ज्यादा नमक

नमक सिर्फ ब्लड प्रेशर के लिए ही नहीं, बल्कि आपके पेट की सेहतं के लिए भी हानिकारक होता है।

सिर्फ हाई बीपी ही नहीं, आंत के लिए भी नुकसानदेह है ज्यादा नमक
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 10 Oct 2024 12:01 AM IST

नमक हमारे शरीर में आयोडीन और सोडियम की कमी को दूर करता है। ये दोनों ही सेहत के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट हैं। सोडियम हमारी सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इसलिए हाई बीपी के मरीजों को नमक कम खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, नमक सिर्फ ब्लड प्रेशर के लिए ही नहीं, बल्कि आपके पेट की सेहतं के लिए भी हानिकारक होता है। आइए जानते है कैसे गट हेल्थ को प्रभावित करता है ज्यादा नमक।

गट हेल्थ (पेट) के लिए नुकसानदेह

अधिक नमक खाने से कई ऑटो इम्यून डिसऑर्डर भी हो सकते हैं और साथ ही ये गट हेल्थ पर भी बहुत हानिकारक प्रभाव डालता है। कुछ स्टडी ये भी बताती है कि जब हम ज्यादा नमक खाते हैं, तो गट में मौजूद फायदेमंद बैक्टीरिया की गतिविधि में बदलाव लाता है। हमारे गट में मौजूद बैक्टीरिया का अपना एक माइक्रोबायोम होता है, जो बेहद संतुलित मात्रा में होता है। इस बैक्टीरिया को हमारे खाने से न्यूट्रिशन मिलता है। लेकिन जब हम अनहेल्दी डाइट लेते हैं, जिसमें न्यूट्रिशन नहीं होता है, तो बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं।

ज्यादा नमक खाने से गट में मौजूद फायदेमंद बैक्टीरिया की एक्टिविटी ब्लॉक हो जाती है। इससे गट की लाइनिंग का ध्यान रखने वाले बैक्टीरिया की गतिविधि ब्लॉक होने से गट लाइनिंग पतली होती है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया आसानी से निकल कर शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हैं।

ऐसे बढ़ता है बीपी

यह तो आप जानते ही होंगे कि खाना पाचन तंत्र से हो कर आंतों से हो कर गुजरता है। शरीर के इस हिस्से में खाने से न्यूट्रिएंट अब्जॉर्ब हो जाते हैं और खून में प्रवाहित किए जाते हैं जिससे उनका इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे में अगर नमक का सेवन किया जाए, तो ब्लड में सोडियम की मात्रा ज्यादा हो जाएगी, क्योंकि नमक सोडियम और क्लोराइड नाम के दो सॉल्ट से बना हुआ होता है। इससे हाइपरटेंशन की समस्या होती है। अगर हाइपरटेंशन का ध्यान नहीं दिया गया, तो इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

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