एसी चलाकर सोने की है आदत, तो जान लें ये नुकसान
कई लोगों को एसी चालकर सोने की आदत होती हैं। एसी चलाकर कमरा ठंडा किए बिना उन्हें नींद नहीं आती।

कई लोगों को एसी चालकर सोने की आदत होती हैं। एसी चलाकर कमरा ठंडा किए बिना उन्हें नींद नहीं आती। ऐसे में बदलते मौसम में भी वे एसी चलाकर कंबल ओढ़कर सोना पसंद करते हैं। तो चाहिए, सर्दी आने को है, लेकिन उनका एसी बंद नहीं हो पा रहा है। ऐसे लोगों को एसी चलाकर सोने के ये नुकसान जरूर जान लेने चाहिए।
कमजोर इम्यूनिटी
रातभर में एसी की हवा में सोने की वजह से रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ठंडी हवा हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है, जिससे वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लड़ने की हमारे शरीर की क्षतमा कम हो जाती है और हम आसानी से बीमार हो सकते हैं।
जोड़ों में दर्द
अगर आप एसी की हवा में रातभर सोते हैं, तो इससे आपकी मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों में दर्द हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ठंडे तापमान के कारण मांसपेशियां सिकुड़ सकती हैं और उनमें कसाव आ सकता है, जिससे अकड़न और दर्द हो सकता है। इसके अलावा ठंडी हवा गठिया या अन्य मस्कुलोस्केलेटल कंडीशन वाले लोगों में जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकती है।
आंखों और त्वचा में रूखापन
एसी की ठंडी हवा में सोने की वजह से सिर्फ सेहत ही नहीं, त्वचा पर भी बुरा असर पड़ता है। दरअसल, एसी चालू करके सोने से वातावरण में नमी कम हो जाती है, जिससे स्किन और आंखें ड्राई हो सकती हैं। एसी की ठंडी हवा स्किन की नमी छीन सकती है, जिससे ड्राईनेस, खुजली आदि हो सकता है। साथ ही आंखें भी इससे ड्राई हो सकती है, जिससे आंखों में जलन, लालिमा, खुजली और ब्लर विजन हो सकती है।
सांस संबंधी समस्याएं
अगर आप भी उन लोगों में से एक है, जो रातभर एसी की हवा में सोते हैं, तो इससे आपको रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर उन लोगों को, जो ठंडी हवा के प्रति सेंसिटिव है या जिन्हें अस्थमा या एलर्जी जैसी रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं हैं। एसी से निकलने वाली ठंडी हवा रेस्पिरेटरी सिस्टम में जलन पैदा कर सकती है, जिससे खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं।