समय बचाने के लिए खा रहे हैं फ्रोजन फूड्स, तो जान लें ये खतरे
आजकल फ्रोजन फूड्स खाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। कई लोग अपना समय बचाने के लिए फ्रोजन फूड्स का इस्तेमाल करते हैं।

आजकल फ्रोजन फूड्स खाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। कई लोग अपना समय बचाने के लिए फ्रोजन फूड्स का इस्तेमाल करते हैं। घर में बने ताजे खाने की तुलना में फ्रोजन फूड को स्वास्थ्य के लिए खराब माना जाता है क्योंकि इन्हें लंबे समय तक प्रिजर्व करने के लिए हाइड्रोजनीकृत पाम तेल का इस्तेमाल किया जाता है, जो हानिकारक ट्रांस फैट होती है।
आइए, समझते हैं फ्रोजन फूड के खतरों के बारे में।
कैंसर का खतरा
जो लोग ज्यादा फ्रोजन फूड खाते हैं, उनमें कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। कई शोधों से पता चला है कि फ्रोजन फूड्स, खासतौर से फ्रोजन चिकन खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक, फ्रोजन मसालेदार चिकन, हॉट डॉग और सॉसेज खाने से कैंसर का खतरा 65 फीसदी तक बढ़ जाता है।
नींद में हो सकती है कमी
बेहतर नींद के लिए फ्रोजन फूड का सेवन न करें। फ्रोजन फूड खाने से रात की नींद में भी मुश्किल आ सकती है। इसका कारण है कि फ्रोजन फूड खाने से शरीर ग्लूकोज को शुगर में बदल देता है और अधिक शुगर ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती है, जिससे बेचैनी होती है।
हृदय को भी नुकसान
फ्रोजन फूड्स खाने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। फ्रोजन फूड में उच्च मात्रा में ट्रांस फैट होता है, जो धमनियों में खून के थक्के की समस्या को बढ़ाता है। ट्रांस फैट शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे खाने में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है।
बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा
फ्रोजन फूड्स को लंबे समय तक ठीक रखने के लिए स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। यह स्टार्च खाने का स्वाद तो बढ़ा देता है, लेकिन इसे पचाना मुश्किल हो जाता है। लंबे समय तक फ्रोडन फूड को खाने से डायबिटीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है।