ब्लाइंड डेट पर लड़कियों को इन खतरों से रहना चाहिए सावधान
बदलते जमाने के साथ प्यार करने के तरीके और मिलने-जुलने के साधनों में बड़ा बदलाव आया है। इन दिनों ब्लाइंड डेट का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है।

बदलते जमाने के साथ प्यार करने के तरीके और मिलने-जुलने के साधनों में बड़ा बदलाव आया है। इन दिनों ब्लाइंड डेट का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स के जरिए लोग बिना एक-दूसरे को निजी तौर से जाने हुए भी डेट पर जाने का फैसला लेते हैं। यह अनुभव जितना खूबसूरत हो सकता है, उतने ही इससे जुड़े हुए खतरे भी हैं, जिनसे खासतौर से लड़कियों को सतर्क रहना चाहिए।
सेफ्टी
ब्लाइंड डेट पर जाने वाली लड़कियों को सबसे बड़ा खतरा उनकी सुरक्षा से जुड़ा होता है। वो जिस इंसान से वे मिलने जा रही हैं, उसके बारे में उन्हें बहुत कम जानकारी होती है। ऐसे में उस शख्स के इरादों का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। इस तरह की डेटिंग से फिजिकल और मेंटल दोनों तरह के शोषण का खतरा बढ़ जाता है।
साइबर अपराध और प्राइवेसी पर आंच
डेटिंग ऐप्स के जरिए की गई ब्लाइंड डेटिंग में साइबर अपराध का खतरा भी बढ़ जाता है। फर्जी प्रोफाइल के जरिए लोग लड़कियों की निजी जानकारी हासिल कर सकते हैं और इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। कभी-कभी लड़कियों की तस्वीरें या पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर गलत तरीके से इस्तेमाल की जा सकती हैं, जिससे उनकी प्राइवेसी पर आंच आ सकती है।
हैरेसमेंट
ब्लाइंड डेट पर सबसे बड़ा खतरा सेक्सुअल हैरासमेंट या डेट रेप का होता है। अक्सर लड़कियों को ये अंदाजा नहीं होता कि उनका डेट पार्टनर कितना भरोसेमंद है। कई बार ऐसे मामलों में लड़कियों की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है। इसके अलावा हेरासमेंट भी एक गंभीर मुद्दा है, जो ब्लाइंड डेट पर लड़कियों को झेलना पड़ सकता है।
सतर्कता है जरूरी
ब्लाइंड डेट पर जाना या न जाना आपका निजी फैसला हो सकता है, लेकिन लड़कियों को अपनी सुरक्षा का हर हाल में ख्याल रखना चाहिए। किसी अजनबी से मिलने से पहले उसके बैकग्राउंड की जांच करना और दोस्तों या परिवार को डेट की जानकारी देना बेहद जरूरी है। पहली बार मिलने के लिए पब्लिक प्लेस को सेलेक्ट करना, और अपने मोबाइल फोन का लोकेशन किसी करीबी से शेयर करके रखना भी एक समझदारी भरा कदम है।