Begin typing your search...

कंटेंट क्रिएटर्स को लग सकता है बड़ा झटका, YouTube की नई गाइडलाइन, इन वीडियोज पर लगेगा बैन

अब कंटेंट क्रिएटर्स के लिए मुश्किल बढ़ सकती है, क्योंकि YouTube कई नई गाइडलाइंस लेकर आ रहा है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा. वीडियोज के मामले में यूट्यूब का कहना है कि गलत थंबनेल के जरिए जनता को गुमराह किया जाता है.

कंटेंट क्रिएटर्स को लग सकता है बड़ा झटका, YouTube की नई गाइडलाइन, इन वीडियोज पर लगेगा बैन
X
( Image Source:  freepik )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 21 Dec 2024 12:38 PM IST

यूट्यूब अब वीडियो टाइटल और थंबनेल्स के लिए सख्त नियम लागू करना शुरू कर रहा है, जिसे कंपनी " क्लिकबेट" कहती है. इसमें थंबनेल के हिसाब से वीडियो नहीं होती है, जिनके कारण ऑडियंस गुमराह हो जाती है. ऐसे में यूट्यूब अब इन वीडियोज के खिलाफ एक्शन लेगा.

यह कार्रवाई खासतौर पर ब्रेकिंग न्यूज़ और वर्तमान घटनाओं को कवर करने वाले वीडियो पर फोकस होगी, जहां ब्रेकिंग न्यूज या "राष्ट्रपति पद छोड़ रहे हैं" जैसे मिसलीडिंग टाइटल का इस्तेमाल ऑडियंस को अट्रैक्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जबकि वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं होता है.

Google करेगा एनफोर्समेंट लागू

आने वाले महीनों में एनफोर्समेंट धीरे-धीरे लागू होगा.शुरुआत में YouTube क्रिएटर्स के चैनलों के खिलाफ स्ट्राइक जारी किए बिना गलत कंटेंट को हटा देगा. इसका उद्देश्य कंटेंट प्रोड्यूसर को नए गाइडलाइंस के अनुकूल होने का समय देना है.

ऑडियंस होती है गुमराह

कंपनी मौजूदा कंटेंट के बजाय नए वीडियो अपलोड पर एनफोर्समेंट को प्राथमिकता देने की योजना बना रही है. Google India ब्लॉग पोस्ट में YouTube ने कहा कि इससे दर्शक ठगे जा सकते हैं. निराश हो सकते हैं. इतना ही नहीं, गुमराह भी हो सकते हैं. खासतौर पर ऐसे टाइम में जब वे जरूरी जानकारी के लिए YouTube पर आते हैं.

क्लिकबेट थंबनेल पर लगेगी रोक

उल्लंघनों के उदाहरणों में ऐसे वीडियो शामिल हैं, जिनके टाइटल में जरूरी राजनीतिक घटनाक्रमों का दावा किया जाता है, जबकि इनके बारे में कंटेंट में कुछ नहीं होता है. इसके अलावा, ऐसे थंबनेल जो असलियत में न्यूज को कवर किए बिना "टॉप पॉलिटिकल न्यूज" का एड करते हैं. नीति उन मामलों को लक्षित करती है, जहां वीडियो के प्रमोशन एलिमेंट्स और उसके रियल कंटेंट के बीच सही तरीके से कोई संबंध नहीं होता है.

यूट्यूब ने नहीं दी है पूरी जानकारी

हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह न्यूज या करेंट इवेंट्स को किस तरह से कैटेगराइज करेगी. इससे यह सवाल उठता है कि क्या पॉलिसी राजनीतिक और सरकारी न्यूज से आगे बढ़कर खेल जैसे क्षेत्रों तक फैली हुई है. YouTube ने थंबनेल, टाइटल और वीडियो कंटेंट के बीच अंतर का पता लगाने के अपने तरीकों के बारे में भी विस्तृत जानकारी नहीं दी है.

क्रिएटिव आर्टिस्ट एजेंसी के साथ पार्टनरशिप

YouTube ने क्रिएटिव आर्टिस्ट एजेंसी (CAA) के साथ मिलकर ऐसे टूल्स बनाए हैं, जो क्रिएटर्स और आर्टिस्ट को इस बात पर ज्यादा कंट्रोल देंगे कि प्लेटफॉर्म पर उन्हें चित्रित करने के लिए AI का उपयोग कैसे किया जाता है. यह पार्टनरशिप कई प्रभावशाली हस्तियों को उनकी समानता वाली AI-जनरेटेड कंटेंट की पहचान करने और मैनेज करने के लिए डिज़ाइन की गई शुरुआती फेज की तकनीक तक एक्सेस देगी.

अगला लेख