कौन होगा महाराष्ट्र का अगला सीएम? रिजल्ट से पहले महायुति और एमवीए में चली जुबानी जंग
महाराष्ट्र में एग्जिट पोल आने के बाद से ही कम्पीटशन तेज हो गया है. महायुति के आंकड़े बता रहे हैं कि सीएम की रेस में एकनाथ शिंदे आगे हैं. वहीं, फडणवीस इस रेस में पीछे चल रहे हैं. इसके अलावा महाविकास अघाड़ी के नेता खुद को सीएम पद की रेस में सबसे आगे मानते हैं. दोनों गठबंधनों को जनादेश हासिल करने का पूरा भरोसा है.

महाराष्ट्र में 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव की मतगणना होनी है. इससे पहले ही नेतृत्व को लेकर सत्ता पर काबिज महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के भीतर मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं. दोनों गठबंधनों के भीतर मतभेद चल रहा है कि अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा. दोनों खेमों के नेता सीएम की कुर्सी का दावा कर रहे हैं.
महाराष्ट्र में एग्जिट पोल आने के बाद से ही कम्पीटशन तेज हो गया है. महायुति के आंकड़े बता रहे हैं कि सीएम की रेस में एकनाथ शिंदे आगे हैं. वहीं, फडणवीस इस रेस में पीछे चल रहे हैं. इसके अलावा महाविकास अघाड़ी के नेता खुद को सीएम पद की रेस में सबसे आगे मानते हैं. दोनों गठबंधनों को जनादेश हासिल करने का पूरा भरोसा है.
नाना पटोले ने शुरू की विवाद की शुरुआत
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने यह कहकर एमवीए के भीतर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर गठबंधन सरकार बनती है तो उसका नेतृत्व कांग्रेस करेगी. पटोले ने दावा किया है कि मतदान के रुझान बताते हैं कि कांग्रेस सबसे ज़्यादा सीटें जीतेगी. इस टिप्पणी के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
संजय राउत की दिखी नाराजगी
वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि सीएम के चेहरे पर फैसला सभी गठबंधन सहयोगियों द्वारा संयुक्त रूप से लिया जाएगा. संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने पटोले को चुना है, तो मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी या राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ नेताओं को इसकी घोषणा करनी चाहिए.
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के गठबंधन एमवीए ने खुद को महायुति सरकार के खिलाफ एकजुट विपक्ष के रूप में पेश किया है. हालांकि, पटोले की टिप्पणियों से गुट के भीतर विरोध की संभावना हो सकती है.
महायुति में तीनों हैं सीएम पद के दावेदार
महायुति खेमे में शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि यह चुनाव वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था तथा उन्हें सीएम पद के लिए पसंद बताया. वहीं, बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का समर्थन किया, जबकि राकांपा नेता अमोल मिटकरी ने अपनी पार्टी के प्रमुख अजित पवार को यह पद सौंपने पर जोर दिया.
तीनों मिलकर करेंगे सीएम का फैसला: बीजेपी
प्रवीण दरेकर ने कहा कि महायुति के तीनों सहयोगी मिलकर सीएम का फैसला करेंगे. उन्होंने एमवीए पर निशाना साधते हुए कहा कि सोलापुर में शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस सांसद प्रणति शिंदे एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि विपक्ष में आंतरिक कलह है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस के नाना पटोले सहित एमवीए नेता अवैध गतिविधियों में शामिल थे, जिसमें चुनावों के लिए धन जुटाने हेतु बिटकॉइन का उपयोग भी शामिल था. हालांकि इन आरोपों से दोनों नेताओं ने इनकार किया है. अब गठबंधनों के बीच आंतरिक तनाव के चलते सीएम की दौड़ और कड़ी होने की संभावना है.
लाडली बहिन योजना का मिला फायदा
चुनाव आयोग ने बताया कि 2019 में 61.1 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहीं, इस चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़कर 66.05 प्रतिशत हुआ है. दरेकर ने जमीनी स्तर पर मतदाताओं को संगठित करने के लिए आरएसएस को श्रेय दिया है. उन्होंने महिला मतदाताओं के बीच महायुति की लोकप्रियता का श्रेय सरकार की लाडली बहिन योजना को भी दिया.