कहां से आया भाग्यनगर नाम, हैदराबाद का नाम बदलने की क्यों हो रही मांग?
हैदराबाद और भाग्यनगर को लेकर चल रहा विवाद कोई नया नहीं है. हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने की मांग कई वर्षों से हो रही है. भाग्यनगर की मांग करने वालों के कई तर्क हैं. इतिहास की किताबों में भाग्यनगर का जिक्र दिखता है. वहीं, भाग्यमती नाम की महिला का जिक्र है, जिसके नाम पर भाग्यनगर रखने की मांग की जा रही है.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी मांग कर रही है कि हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर कर दिया जाए. आरएसएस के इस बदलाव को भारत की सांस्कृतिक पहचान की पुनर्स्थापना का हिस्सा बताया है. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम मोदी ने हैदराबाद को भाग्यनगर कहा था. उन्होंने कहा था कि सरदार पटेल ने भाग्यनगर में ही 'एक भारत' का नारा दिया था.
हैदराबाद और भाग्यनगर को लेकर चल रहा विवाद कोई नया नहीं है. हैदराबाद का नाम भाग्यनगर करने की मांग कई वर्षों से हो रही है. भाग्यनगर की मांग करने वालों के कई तर्क हैं. इतिहास की किताबों में भाग्यनगर का जिक्र दिखता है. वहीं, भाग्यमती नाम की महिला का जिक्र है, जिसके नाम पर भाग्यनगर रखने की मांग की जा रही है.
क्या कहता है इतिहास?
इतिहासकार हैदराबाद के अलावा भाग्यनगर की बात बताते हैं, इसका जिक्र किताबों में भी मिलता है. इतिहासकारों के अनुसार, तुब शाही शासकों ने हैदराबाद का नाम हैदर-ए-कर्रार के नाम पर रखा था. अरबी में हैदर का मतलब शेर होता है, तो हैदराबाद का मतलब शेरों का शहर होता है. इस वजह से इसका नाम हैदराबाद हुआ.
ब्रिटिश नागरिक ऐरॉन एरो स्मिथ ने 1816 में हैदराबाद का एक नक्शा तैयार किया था, जिसमें हैदराबाद का नाम मोटे अक्षरों में लिखा था, लेकिन उसके नीचे उन्होंने भाग्यनगर लिखा था. साथ ही उन्होंने नक्शे में गोलकुंडा नाम का भी इस्तेमाल किया था. 'गोलकुंडा, हैदराबाद और भाग्यनगर' नामक किताब में यह नक्शा है, इस किताब के लेखक नानीशेट्टी शिरीष हैं.
हैदराबाद का नाम भाग्यनगर रखने के पीछे कई कहानियों का तर्क दिया जा रहा है.
भाग्य लक्ष्मी मंदिर
लोगों का मानना है कि भाग्यनगर का नाम भाग्य लक्ष्मी मंदिर के नाम पर रखा गया है, जो चारमीनार के पास है. लेकिन, कई इतिहासकारों का दावा है कि वहां पहले कोई ऐसा मंदिर नहीं था. पुरानी तस्वीर का जिक्र करते हुए इतिहासकार बताते हैं कि लगभग 40 साल पहले तक यहां कोई मंदिर मौजूद नहीं था.
भाग्यमती की प्रेम कहानी
पौराणिक कहानी में बताया जाता है कि गोलकोंडा के शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाह को भाग्यमती नाम की लड़की से प्रेम हो गया था. उन्होंने मूसी नदी के किनारे नई राजधानी बनाई जिसका नाम भाग्यनगर रखा. बताया जाता है कि विवाह के बाद भाग्यमती ने इस्लाम कबूल कर लिया था और नया नाम हैदर महल रखा था. बेगम हैदर महल के नाम पर ही शहर का नाम बदलकर हैदराबाद रखा गया था.
बागनगर की कहानी
बताया जाता है कि गोलकोंडा के अमीर लोग पुराने शहर की गंदगी से तंग होकर मुसी नदी के किनारे अपने लिए विशाल घर बनवाएं और बगीचे उगाए. बाद में वह इलाका बागनगर (बागों का शहर) नाम से जाना जाने लगा. इतिहासकार का कुछ और ही मानना है. नरेंद्र लूथर के अनुसार बाग शब्द का इस्तेमाल हुआ है, तो शहर का नाम बागनगरम होना चाहिए था.





