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किसी राज्य में कब लागू किया जाता है राष्‍ट्रपति शासन? जान लें यह नियम

मणिपुर में सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद से राज्य में सियासी संकट छाया हुआ है. ऐसी संभावना है कि राज्य में नया सीएम चुनने की बजाय राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन कब और क्यों लगाया जाता है? आइए, इसका जवाब जानते हैं...

किसी राज्य में कब लागू किया जाता है राष्‍ट्रपति शासन? जान लें यह नियम
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President Rule: मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद से सियासी संकट छाया हुआ है. राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी संभावना नजर आ रही है. पिछले 21 महीने से पूर्वोत्तर का यह राज्य हिंसा की चपेट में है, जिसकी वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग पलायन करने को मजबूर हुए.

अगर मणिपुर में सीएम का एलान नहीं हो पाता है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है. कुकी संगठनों ने भी मांग की है कि राज्य में सीएम की नियुक्ति करने की बजाय राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए. नया सीएम भी मैतेई बहुल घाटी से चुना जाएगा. ऐसे में उनका रुख भी बीरेन सिंह से अलग नहीं होगा. आइए, आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं...

राष्ट्रपति शासन लागू करने के नियम

राष्ट्रपति शासन लागू करने का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 में किया गया है. इसके अनुसार, यदि राष्ट्रपति को यह लगता है कि किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है या राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों का पालन करने में असमर्थ है, तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकता है.

राज्यपाल की रिपोर्ट या अन्य स्त्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर राष्ट्रपति किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में फैसला करता है. जब राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, तो राज्य सरकार को बर्खास्त कर दिया जाता है. वहीं, विधानसभा को भी निलंबित कर दिया जाता है. इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा अपने प्रतिनिधि राज्यपाल के माध्यम से राज्य का प्रशासन नियंत्रित किया जाता है.

राष्ट्रपति शासन क्यों लागू किया जाता है?

  • जब किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाए और राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों का पालन करने में असमर्थ हो जाए.
  • विधानसभा में किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत न मिले.
  • जब राज्यपाल अपनी रिपोर्ट में यह बताएं कि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है और राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों का पालन करने में असमर्थ है.
  • जब किसी राज्य में बाहरी आक्रमण या आन्तरिक अशान्ति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और राज्य सरकार इसे नियंत्रित करने में असमर्थ हो

बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को दिया इस्तीफा

बता दें कि बीरेन सिंह ने 9 फरवरी (रविवार) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर उन्हें इस्तीफा सौंपा. इससे पहले, उसी दिन बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. पिछले दो साल से हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के चलते सरकार दबाव में थी. बीजेपी विधायकों ने पिछले साल बीरेन सिंह को हटाने को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा था.

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