क्या है टैक्स पेयर के लिए नया ITR-3 फॉर्म, जिसमें फाइनेंसियल ईयर 2024-25 के लिए बढ़ाई गई assets और liabilities की सीमाएं?
आयकर रिटर्न भरने वालों के लिए इस बार कैपिटल गेन्स से जुड़ा एक अहम बदलाव सामने आया है. अब ITR फॉर्म के कैपिटल गेन्स सेक्शन में आपको यह बताना होगा कि आपने जो पूंजीगत लाभ कमाया है, वह 23 जुलाई 2024 से पहले हुआ है या उसके बाद. इस बदलाव की वजह भी खास है.

फाइनेंसियल ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए एक नई खबर सामने आई है. गुरुवार रात को आयकर विभाग ने एक्स पर इस बारे में जानकारी दी. दरअसल ITR फॉर्म-3 अब जारी कर दिया गया है. ये फॉर्म उन लोगों के लिए है, जो बिज़नेस करते हैं या किसी प्रोफेशनल काम से कमाई करते हैं, जैसे डॉक्टर, वकील, सीए या फिर कोई फ्रीलांसर.
साथ ही, यह फॉर्म हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) पर भी लागू होता है. आधिकारिक तौर पर यह फॉर्म 30 अप्रैल को जारी किया गया, जो असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इस्तेमाल होगा. चलिए जानते हैं इसमें टैक्स पेयर के लिए नया क्या है.
ITR-3 में क्या नया है?
अब बात करें इसमें हुए बदलाव की, तो सबसे बड़ा बदलाव ‘शेड्यूल AL’ से जुड़ा है. इसमें आपको अपनी संपत्तियों (जैसे मकान, गाड़ी, निवेश आदि) और देनदारियों (जैसे लोन) की जानकारी देनी होती है. पहले यह जानकारी तब देनी पड़ती थी, जब आपकी कुल संपत्ति 50 लाख रुपये से ज़्यादा होती थी, लेकिन अब यह सीमा 1 करोड़ रुपये कर दी गई है.
कैपिटल गेन्स से जुड़ा बदलाव
आयकर रिटर्न भरने वालों के लिए इस बार कैपिटल गेन्स से जुड़ा एक अहम बदलाव सामने आया है. अब ITR फॉर्म के कैपिटल गेन्स सेक्शन में आपको यह बताना होगा कि आपने जो पूंजीगत लाभ कमाया है, वह 23 जुलाई 2024 से पहले हुआ है या उसके बाद. इस बदलाव की वजह भी खास है. दरअसल, 24 जुलाई 2024 को जब सरकार ने बजट पेश किया, तो एक बड़ा प्रस्ताव रखा गया. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को घटाकर 12.5% कर दिया गया.
20% था टैक्स
पहले यह टैक्स दर 20% था, लेकिन उसमें इंडेक्सेशन का फायदा खास सुविधा होती थी. इसका मतलब यह होता है कि आप जिस संपत्ति (जैसे जमीन, मकान आदि) को बेचते हैं, उसकी कीमत में महंगाई को भी जोड़ा जाता है, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाती थी. अब नए नियम में 12.5% टैक्स तो लगेगा, लेकिन इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा. यही कारण है कि अब आपको यह बताना ज़रूरी हो गया है कि आपकी संपत्ति की बिक्री बजट से पहले हुई थी या बाद में क्योंकि टैक्स का तरीका और दर अब उसी पर निर्भर करेगा.
जोड़े गए दो नए ऑप्शन
अब टैक्स भरने वाले लोगों के पास एक अच्छा विकल्प मिल गया है. खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने 23 जुलाई 2024 से पहले कोई संपत्ति खरीदी थी. सरकार ने नियमों में ऐसा बदलाव किया है कि अब ऐसे लोग दो में से कोई एक तरीका चुन सकते हैं. पहला, 12.5% टैक्स भरें लेकिन इंडेक्सेशन (महंगाई के हिसाब से लागत में राहत) का फायदा नहीं मिलेगा. या दूसरा, 20% टैक्स भरें लेकिन इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा, जिससे कुल टैक्स थोड़ा कम हो सकता है.
किसे मिलेगा फायदा
टैक्स मामलों के जानकार और AKM ग्लोबल में टैक्स पार्टनर संदीप सहगल बताते हैं कि इस साल आकलन वर्ष 2025-26 के ITR फॉर्म 3 में सरकार ने कई अहम बदलाव किए हैं. इससे उन लोगों के लिए टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान हो गई है जो बिज़नेस या प्रोफेशन से नहीं जुड़े हैं, लेकिन फिर भी ITR-3 भरते हैं. अब धारा 80सी (जैसे PPF, ELSS, LIC आदि में निवेश पर मिलने वाली छूट) और टीडीएस की रिपोर्टिंग के लिए ड्रॉपडाउन विकल्प दिए गए हैं.