'ब्रिगेड 313' क्या है? पाकिस्तान की पूर्व सांसद ने खोला आतंक का काला चिट्ठा, शैरी रहमान ने लाइव टीवी पर मानी बात
ब्रिगेड 313 पाकिस्तान का एक कट्टर आतंकी संगठन है, जो हक्कानी नेटवर्क और अलकायदा जैसे समूहों से जुड़ा रहा है. हाल ही में पाकिस्तान की पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता शैरी रहमान ने लाइव टीवी डिबेट में इस संगठन की मौजूदगी और उसकी भूमिका को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया. उन्होंने माना कि पाकिस्तान में ऐसे आतंकी गुट न सिर्फ सक्रिय हैं, बल्कि उन्हें राजनीतिक छत्रछाया भी मिलती रही है.
पाकिस्तान की पूर्व मंत्री और पीपुल्स पार्टी (PPP) की उपाध्यक्ष शैरी रहमान ने एक इंटरव्यू में खुलेआम स्वीकार किया है कि पाकिस्तान का अतीत आतंकवाद से जुड़ा रहा है. स्काई न्यूज की पत्रकार याल्दा हाकिम द्वारा पूछे गए तीखे सवालों के जवाब में रहमान ने कहा, “आप बार-बार अतीत की बात करते हैं क्योंकि वह सच था. लेकिन आज पाकिस्तान बदल चुका है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है.”
हालांकि, जब उनसे अल-कायदा से जुड़े कुख्यात आतंकी संगठन ब्रिगेड 313 पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने जवाब देने से कन्नी काट ली. याल्दा ने TRAC (Terrorism Research and Analysis Consortium) की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि ब्रिगेड 313 पाकिस्तान में सक्रिय एक आतंकी संगठन है, जिसके सदस्य तालिबान, लश्कर-ए-जंघवी, हिज्बुल मुजाहिदीन और हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठनों से आते हैं.
क्या है ब्रिगेड 313?
ब्रिगेड 313 की स्थापना 2000 के दशक की शुरुआत में हुई थी और इसका नाम इस्लामिक इतिहास की प्रसिद्ध ‘बद्र की लड़ाई’ में भाग लेने वाले पैगंबर मोहम्मद के 313 अनुयायियों पर रखा गया था. इसका नेतृत्व इलियास कश्मीरी ने किया, जो पहले पाकिस्तानी सेना में प्रशिक्षित रहा और बाद में अल-कायदा का शीर्ष कमांडर बन गया. 2011 में अमेरिका के ड्रोन हमले में उसकी मौत हो गई.
ब्रिगेड 313 को अल-कायदा की "शैडो आर्मी" (Lashkar al-Zil) का हिस्सा माना जाता है और इसे दक्षिण एशिया में सबसे खतरनाक आतंकवादी इकाइयों में से एक कहा जाता है. इस संगठन ने पाकिस्तान में कई बम धमाके, अधिकारियों की हत्या और कश्मीर केंद्रित हमलों की साजिशों को अंजाम दिया है.
भारत पर हमलों में हाथ?
याल्दा हाकिम ने शैरी रहमान से सवाल पूछा कि भारत में बार-बार होने वाले आतंकी हमलों, खासकर कश्मीर में, के लिए क्या पाकिस्तान जिम्मेदार है? इस पर रहमान ने बचाव करते हुए कहा, "क्या हर बार भारत में हमला होता है तो हम पर युद्ध थोप दिया जाएगा?" उन्होंने भारत में चल रहे कथित 'सैकड़ों विद्रोहों' का हवाला देकर टॉपिक बदलने की कोशिश की.
FATF और पाकिस्तान की ‘आतंकी परंपरा’
इंटरव्यू में पाकिस्तान के लंबे समय तक FATF की ग्रे लिस्ट में होने और 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर को संरक्षण देने जैसे मुद्दों पर भी सवाल उठे. इस पर भी रहमान कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाईं, बल्कि इतना ही कहा, “हम आतंकवाद से कभी लड़े हैं, कभी जुड़े भी रहे हैं.”
पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति, भारत के लिए चेतावनी
इस इंटरव्यू और इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की वह बात, जिसमें उन्होंने माना था कि “हमने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिम के लिए यह गंदा काम किया है,” यह दिखाता है कि पाकिस्तान का आतंक से नाता महज अतीत नहीं, बल्कि एक रणनीतिक नीति रही है.
ब्रिगेड 313 और अन्य संगठनों के अस्तित्व की पाकिस्तान से जुड़ी स्वीकारोक्तियां भारत को चौकस रहने की एक बार फिर चेतावनी दे रही हैं, क्योंकि जब साजिशें सीमाओं के भीतर नहीं होतीं, तो उनकी योजना अक्सर इस्लामाबाद में बनती है.





