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महाराष्‍ट्र बीजेपी में चलता है इनका सिक्‍का, कौन हैं 'ओनली राष्‍ट्र नो महाराष्‍ट्र' कहने वाले विनोद तावड़े?

Who Is Vinod Tawde: विनोद तावड़े 'कैश फॉर वोट' को लेकर सुर्खियों में हैं. उन पर VBA ने मतदाताओं में 5 करोड़ रुपये बांटने का आरोप लगाया है. आइए, उनके बारे में जानते हैं...

महाराष्‍ट्र बीजेपी में चलता है इनका सिक्‍का, कौन हैं ओनली राष्‍ट्र नो महाराष्‍ट्र कहने वाले विनोद तावड़े?
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( Image Source:  ANI )

Vinod Tawde: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार अभियान में अपनी पूरी ताक झोंक दी है. अब 20 नवंबर को जनता फैसला करेगी कि सूबे की सत्ता पर किसे बैठना है, लेकिन इस बीच विनोद तावड़े चर्चा में आ गए हैं. उन पर 'कैश फॉर वोट' का आरोप लगा है. कांग्रेस ने इसे लेकर उन पर जमकर हमला बोला है.

विनोद तावड़े के ऊपर आरोप है कि उन्होंने मतदाताओं को बीजेपी को वोट देने के बदले नोट बांटे हैं. उन्हें बहुजन विकास आघाड़ी (BVA) के कार्यकर्ताओं ने एक होटल में घेर लिया. बीवीए का आरोप है कि तावड़े 5 करोड़ रुपये अपने साथ लेकर होटल में आए थे.

कौन हैं विनोद तावड़े?

विनोद तावड़े बीजेपी के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय महासचिव हैं. उनका पूरा नाम विनोद श्रीधर तावड़े है. उनका जन्म 20 जुलाई 1963 को बॉम्बे (अब मुंबई) के गिरगांव क्षेत्र में एक मराठा परिवार में हुआ. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. उन्हें 1995 में पहली बार महाराष्ट्र का महासचिव बनाया गया. इस पद वे 1999 तक रहे. उन्हें 2002 में यह जिम्मेदारी फिर से दी गई. इस बार वे 2011 तक महासचिव रहे.



तावड़े 1999 में मुंबई महानगर इकाई के अध्यक्ष चुने जाने वाले सबसे कम उम्र के उम्मीदवार हैं. वे 2014 में बोरीवली विधानसभा से विधायक चुने गए. तावड़े 25 अप्रैल 2008 से लेकर 20 अक्टूबर 2014 तक एमएलसी रहे.

तावड़े महाराष्ट्र बीजेपी के महासचिव, मुंबई के अध्यक्ष और अखिल भारतीय राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य रह चुके हैं. वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं. तावड़े को 21 नवंबर 2011 को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. उनकी शादी वर्षा पवार तावड़े से हुई, जिससे उनकी एक बेटी अन्वी तावड़े है.

2019 में बीजेपी ने काट दिया था तावड़े का टिकट

बता दें कि 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय तावड़े का टिकट काट दिया गया था. उनकी जगह , इस पर तावड़े ने कहा था कि जब मैं एबीवीपी में था तो पार्टी ने मुझे टिकट दिया था. उस समय किसी का टिकट काटा गया था. इसलिए पार्टी ने दूसरों को मौका देने के लिए मेरा टिकट काटा.

'ओनली राष्ट्र, नो महाराष्ट्र'

तावड़े ने कहा कि मेरी सोच है- ओनली राष्ट्र, नो महाराष्ट्र. इस वजह से ही मुझे राष्ट्रीय स्तर पर काम करने और सीखने का मौका मिल रहा है. मुझे बिहार जैसे राज्य की जिम्मेदारी दी गई है. मुझे हारी हुई सीटों पर काम करना है.

तावड़े ने आरोपों पर क्या कहा?

तावड़े ने अपने ऊपर नोट बांटने का आरोप लगाने पर कहा कि वे बूथ मैनेजमेंट के काम से वहां गये थे. वे कार्यकर्ताओं को बताए आए थे कि वोटिंग के बाद ईवीएम सील कैसे होती है. इस बीच हमारे विरोधियों को लगा कि हम पैसे बांट रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और पुलिस को इस मामले की जांच करनी चाहिए. होटल में सीसीटीवी लगे हैं. उनके फुटेज से सब क्लियर हो जाएगा.

बीजेपी ने कहा- चुनाव आयोग के पास जाए विपक्ष

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि विपक्ष के पास विनोद तावड़े के नोट बांटने का सबूत है तो वे चुनाव आयोग के पास जाएं. होटल में हमारे संगठन की बैठक चल रही थी. यह एक साजिश है.

पहले भी विवादों में रहे तावड़े

विनोद तावड़े पहले भी विवादों में रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने 2015 में फर्जी डिग्री को लेकर उनसे इस्तीफे की मांग की थी. उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि तावड़े ने कभी भी तथ्य नहीं छुपाया. उन्हें इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।

बता दें कि तावड़े ने ज्ञानेश्वर विद्यापीठ , पुणे से ए.एम.आई.ई. की डिग्री हासिल की है, लेकिन ज्ञानेश्वर विद्यापीठ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) या तकनीकी शिक्षा निदेशालय, महाराष्ट्र से संबद्ध नहीं है । बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2005 के एक आदेश में कहा था कि ज्ञानेश्वर विद्यापीठ को डिग्री देने का कोई अधिकार नहीं है. साल 2005 से पहले जारी की गई डिग्रियां अमान्य हैं.

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