Begin typing your search...

अमेरिका 2 सितंबर से बंद कर देगा 'ड्रॉपबॉक्स' वीजा रीन्‍यूअल, भारतीयों पर क्या असर होगा?

अमेरिका 2 सितंबर 2025 से अधिकांश नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा के लिए ड्रॉपबॉक्स सुविधा खत्म कर रहा है, जिससे सभी आवेदकों को व्यक्तिगत इंटरव्यू देना अनिवार्य होगा. यह कदम सुरक्षा कड़ाई के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे भारत जैसे देशों में वीज़ा मिलने में देरी और परेशानी बढ़ेगी. विशेष रूप से H-1B वीज़ा और छात्रों पर इसका बड़ा असर होगा. कुछ डिप्लोमैटिक वीज़ा को छूट मिलेगी, बाकी सभी के लिए प्रक्रिया कठिन होगी.

अमेरिका 2 सितंबर से बंद कर देगा ड्रॉपबॉक्स वीजा रीन्‍यूअल, भारतीयों पर क्या असर होगा?
X
( Image Source:  AI )

US Visa Changes 2025, Interview Waiver Dropbox Facility End: अमेरिका 2 सितंबर 2025 से अपने 'इंटरव्यू वेवर प्रोग्राम' यानी 'ड्रॉपबॉक्स सुविधा' को अधिकतर नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा श्रेणियों के लिए खत्म करने जा रहा है. इसका असर उन लोगों पर पड़ेगा जो वर्क, स्टडी और अन्य वीज़ा कैटेगरी के तहत अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं. अब तक ड्रॉपबॉक्स के तहत पात्र आवेदकों को अमेरिकी दूतावास में इंटरव्यू देने की जरूरत नहीं होती थी, वे सिर्फ पासपोर्ट, वीज़ा एप्लिकेशन फॉर्म और जरूरी दस्तावेज़ नामित केंद्र पर जमा करते थे और काउंसलर अधिकारी दस्तावेज़ देखकर वीज़ा जारी कर देते थे. यह सुविधा खासकर साफ वीज़ा रिकॉर्ड वाले यात्रियों के लिए तेज़ और आसान थी.

अमेरिका ने पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' के तहत इस बदलाव की घोषणा की थी. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इसका उद्देश्य सुरक्षा और स्क्रीनिंग प्रक्रिया को सख्त बनाना है, लेकिन प्रवासन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे वीज़ा प्रक्रिया में अफरा-तफरी, देरी और यात्रा योजनाओं में बाधा आएगी, खासकर भारत जैसे देशों में जहां से बड़ी संख्या में H-1B वर्कर्स और छात्र अमेरिका जाते हैं.

अब प्रक्रिया में ये बदलाव होंगे

  • H-1B, H-4, L1, F, M, O1 और J सहित अधिकांश वीज़ा श्रेणियों में इंटरव्यू वेवर खत्म होगा.
  • 14 साल से कम उम्र के बच्चों और 79 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को भी अब इंटरव्यू देना होगा.
  • सिर्फ डिप्लोमैटिक या ऑफिशियल वीज़ा (A, G, NATO, TECRO) के लिए छूट जारी रहेगी.
  • सीमित शर्तों के तहत कुछ B-1/B-2 टूरिस्ट और बिज़नेस वीज़ा रिन्यूअल में छूट मिलेगी.
  • पात्र होने पर भी काउंसलर अधिकारी इंटरव्यू बुला सकते हैं.

भारत पर क्या होगा असर?

भारत, ड्रॉपबॉक्स सुविधा का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है और यहां पहले से ही वीज़ा अपॉइंटमेंट के लिए लंबा इंतजार होता है. इस फैसले से,

  • इंटरव्यू स्लॉट की मांग बढ़ेगी.
  • वेटिंग टाइम कई महीनों तक बढ़ सकता है.
  • H-1B कर्मचारियों पर निर्भर प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे.
  • छात्रों के शैक्षणिक कार्यक्रमों में देरी होगी.

अगस्त-सितंबर 2025 के कुछ ड्रॉपबॉक्स स्लॉट पहले ही रद्द कर दिए गए हैं और लोगों को इन-पर्सन इंटरव्यू के लिए भेजा जा रहा है.

India News
अगला लेख