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खुशखबरी! मुंबई में एंट्री हुई आसान, पांच टोल प्‍लाजा फ्री होने से बचा पाएंगे इतने पैसे, CM एकनाथ शिंदे का बड़ा एलान

Toll-Free Entry To Mumbai: मुंबई में अब एंट्री प्वाइंट पर पांच टोल-गेट पर प्राइवेट वाहन को टोल नहीं देना होगा. यह फैसला सोमवार को राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में लिया. इन सभी बूथों के लिए टोल शुल्क 45 रुपये था. ये फैसला सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिया है.

खुशखबरी! मुंबई में एंट्री हुई आसान, पांच टोल प्‍लाजा फ्री होने से बचा पाएंगे इतने पैसे, CM एकनाथ शिंदे का बड़ा एलान
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Toll-Free Entry To Mumbai
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 14 Oct 2024 12:57 PM IST

Toll-Free Entry To Mumbai: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को मुंबई में प्रवेश करने वाले सभी पांच टोल बूथों को लेकर बड़ा फैसला किया है. सरकार ने इन सभी के जरिए अब मुंबई में एंट्री टोल फ्री कर दी है. यह नियम आज रात से लागू हो जाएगा. हालांकि, ये छूट सिर्फ हल्के वाहनों और प्राइवेट वाहनों को दी गई है. व्यावसायिक वाहनों को अब भी यहां से टोल-टैक्स के साथ ही गुजरना होगा.

टोल फ्री करने का यह निर्णय विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक के दौरान लिया गया. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष हमलावर हो रहा है, जिसमें कहा गया कि जैसे ही चुनाव नजदीक आया है, तो सरकार की नींद खुल गई है.

अब जनता की होगी बचत

सरकार के आधिकारिक बयान में कहा गया कि यात्री सभी पांच टोल बूथों- दहिसर, मुलुंड, वाशी, ऐरोली और तिन्हंत नाका से बिना टोल दिए छोटे वाहनों का उपयोग कर सकेंगे. इन सभी बूथों के लिए टोल शुल्क 45 रुपये था. इसे ऐसे समझते हैं कि अगर आप मुंबई में आने-जाने के लिए 90 रुपये देते हैं, तो इस हिसाब से आप महीने का 2700 रुपये बचा पाते हैं. इस तरह सरकार के इस फैसले से जनता के पॉकेट पर कम दबाव पड़ेगा.

आगामी विधानसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक के दौरान ये घोषणा की गई है. इन स्थानों पर स्थित टोल बूथ लंबे समय से मुंबई की सड़क अवसंरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, जो हर रोज हजारों वाहनों से टैक्स वसूलते हैं.

विपक्ष ने फैसले पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री शिंदे की घोषणा के तुरंत बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इस कदम को महाराष्ट्र चुनाव से पहले एक 'हताश कदम' करार दिया. उन्होंने आगे दावा किया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है.

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