Tirupati laddus row: CM नायडू के आरोप पर जगन पहुंचे हाईकोर्ट, लड्डू में जानवरों के चर्बी पर बवाल, जानिए किसने-क्या कहा?
Tirupati laddus row: तिरुपति मंदिर भगवान वेंकटेश्वर भगवान को समर्पित है. हाल के जांच में मंदिर के प्रसाद के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी की शुद्धता को लेकर बवाल हो रहा है. जांच रिपोर्ट में सामने आई है कि घी में जानवर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था.

Tirupati laddus row: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए चढ़ाए जाने वाले लड्डू में उपयोग की जाने वाली घी की शुद्धता को लेकर बवाल मचा हुआ है. गुजरात में जांच की गई घी को लेकर खुलासा हुआ कि इसमें मछली का तेल और गोमांस की चर्बी शामिल है. सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू और उनकी तेलुगू देशम पार्टी ने इसकी पवित्रता को लेकर वाईएस जगन मोहन रेड्डी और उनकी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है और इसके लिए पहले की सरकार को जिम्मेदार माना है.
एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया. इस बीच वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि वह एक हिंदू हैं और श्री वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने एन चंद्रबाबू नायडू को चुनौती दी कि वह भगवान के सामने आकर शपथ लें कि उनके आरोप सत्य है या असत्य.
हाई कोर्ट पहुंचे वाईएस जगन मोहन रेड्डी
वाईएस जगन मोहन रेड्डी और उनकी पार्टी YSR कांग्रेस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. YSR कांग्रेस ने HC से एन. चंद्रबाबू नायडू और TDP के लगाए गए आरोपों को लेकर जांच के लिए एक ज्यूडिशियल कमेटी गठित करने की मांग की. इस दौरान जगन ने कहा कि निविदा प्रक्रिया हर छह महीने में होती है और योग्यता मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं. हमने अपने शासन में 18 बार उत्पादों को खारिज किया है.
कहां से खरीदा जाता है घी
तिरुपति लड्डू बनाने के लिए टीटीडी बोर्ड हर महीने 42,000 Kg घी, 22,500 Kg काजू, 15,000 Kg किशमिश, 6,000 Kg इलायची, बेसन, चीनी और मिश्री खरीदता है. कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के मुताबिक, टीटीडी उनसे घी खरीदता था लेकिन कथित तौर पर मूल्य निर्धारण संबंधी मुद्दों के कारण चार साल पहले आपूर्ति बंद कर दी गई थी. रिपोर्टों से पता चलता है कि वे टीटीडी को कम कीमत पर घी उपलब्ध कराने में असमर्थ थे क्योंकि कांग्रेस शासित कर्नाटक सरकार ने दूध की कीमतों में 3 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का आदेश दिया था.
टीडीपी और सहयोगी दलों ने क्या कहा?
चंद्रबाबू नायडू के बेटे और आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी जगन मोहन रेड्डी पर सत्ता में रहते हुए मंदिर में घटिया अन्नदानम और मुफ्त भोजन परोसने का आरोप लगाया है.उन्होंने दावा किया कि पशु चर्बी को लेकर विवाद, लड्डू और भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी, सब्जियों और अन्य वस्तुओं की खरीद में अनियमितताओं की भ्रष्टाचार विरोधी जांच के कारण शुरू हुआ. वहीं डिप्टी सीएम पवन कल्याण की जन सेना पार्टी ने सनातन धर्म के अपमान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
भाजपा ने क्या कहा?
केंद्र में टीडीपी और जन सेना के साथ गठबंधन करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने इस पर नाराजगी जाहिर की है. केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय महासचिव बंदी संजय ने पवित्र प्रसादम में इस तरह की मिलावट को पाप बताया है. भाजपा नेता ने सांप्रदायिक पहलू का भी दावा किया और आरोप लगाया कि घी का मुद्दा इसलिए था क्योंकि बोर्ड में अन्य धर्मों के कुछ लोगों को शामिल किया गया था.
टीटीडी के बोर्ड में शामिल एक भाजपा सांसद ने भी नाराजगी जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की मांग की. उन्होंने कहा, 'जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने जानबूझकर हिंदू तीर्थ यात्रियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.' भाजपा की ओबीसी इकाई के प्रमुख के. लक्ष्मण ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
वाईएसआरसीपी ने क्या कहा?
अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर वाईएसआर कांग्रेस ने कड़ा पलटवार किया है. राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि यह कहना भी गलत है कि भगवान को अर्पित किए जाने वाले पवित्र भोग और भक्तों को दिए जाने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था. रेड्डी ने यह भी कहा कि वास्तव में यह चंद्रबाबू नायडू ही थे जिन्होंने इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी करके मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाया और करोड़ों श्रद्धालुओं को प्रभावित किया.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई की प्रमुख वाईएस शर्मिला ने आरोपों की पुष्टि के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है. पार्टी ने कहा, 'यदि आपके आरोपों में कोई राजनीतिक नहीं है...यदि आपका इस मुद्दे पर राजनीति करने का कोई इरादा नहीं है तो एक उच्च स्तरीय समिति गठित करें या सीबीआई जांच की मांग करें. कांग्रेस मांग करती है कि आप सच्चाई का पता लगाएं.'