कहानी खड़गे के गांव वरावट्टी की जिसका जिक्र योगी ने किया, रजाकारों के हमले ने छीना अपनों का सहारा
सीएम योगी ने कहा कि खरगे जी का गांव हैदराबाद के निजाम के आधीन रहने वाला एक गांव था. भारत जब अंग्रेज़ो के आधीन था तो कांग्रेस का उस समय का नेतृत्व मुस्लिम लीग के साथ मिलकर मौन बना हुआ था. इसीलिए मुस्लिम लीग उस समय हिंदुओ को चुन चुनकर मार रहा था. इसी आग में मल्लिकार्जुन खड़गे का गांव भी जलाया गया था, जिसमे इनकी माता जी और परिवार मारा गया.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी बयानबाजी तेज हो गई है. महाराष्ट्र की एक रैली में खरगे ने योगी के भाषणों पर तंज कसते हुए उनकी भाषा को 'आतंकी जैसा' बताया. इसके जवाब में रैली में योगी ने पलटवार करते हुए हैदराबाद के निजाम और रजाकारों का हवाला देकर खरगे पर निशाना साधा और कहा कि वह अपने परिवार पर हुए अत्याचारों तक को भूल चुके हैं.
सीएम योगी ने कहा कि खरगे जी का गांव हैदराबाद के निजाम के आधीन रहने वाला एक गांव था. भारत जब अंग्रेज़ो के आधीन था तो कांग्रेस का उस समय का नेतृत्व मुस्लिम लीग के साथ मिलकर मौन बना हुआ था. इसीलिए मुस्लिम लीग उस समय हिंदुओ को चुन चुनकर मार रहा था. इसी आग में मल्लिकार्जुन खड़गे का गांव भी जलाया गया था, जिसमे इनकी माता जी और परिवार मारा गया. लेकिन खड़गे जी इसको नही कहते. क्योंकि जानते हैं कहेंगे तो मुस्लिम वोट खिसक जाएगा, वोटबैंक के खातिर अपने परिवार का बलिदान भूल गए.
खरगे के गांव की क्या थी कहानी?
साल था 1946, आज़ादी की लड़ाई अपने अंतिम चरण में थी. उस समय का हैदराबाद राज्य, आज के कर्नाटक में एक जगह थी वरावट्टी. हैदराबाद के निजाम की निजी सेना वर्वट्टी के एक गांव पहुंची. गांव के एक घर के बाहर लगभग तीन साल का एक बच्चा खेल रहा था. पिता खेतों में काम कर रहे थे. घर के अंदर मां और बहन थी. सैनिकों ने क्रूरता की हदें पार करते हुए मां और बहन को जिंदा जलाकर मार डाला.
मासूम बच्चा यह भयानक मंजर अपनी आंखों से देखता रहा. वही दर्दनाक दृश्य उसकी आंखों में जीवन भर के लिए बस गया. वो बच्चा कोई और नहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे थे. मां की मौत ने खरगे को भीतर से झकझोर दिया, लेकिन इस घटना ने उन्हें उतना ही मजबूत भी बनाया. ये बात खरगे रैली और कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद एक चैनल के इंटरव्यू में बता चुके हैं.
उस भयानक मंजर को बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियांक खरगे ने बताया कि निजाम के रजाकारों ने उस समय के हैदराबाद राज्य में जमकर तबाही मचाई, घरों पर हमले किए और लूटपाट की. भालकी, जो अब कर्नाटक के बीदर जिले में है, महाराष्ट्र के सीमावर्ती गांवों की तरह ही घेराबंदी में था. रजाकार गांव-दर-गांव हमला कर रहे थे, उनकी संख्या चार लाख थी और वे बिना किसी नेता के अपने तरीके से काम कर रहे थे.