'राज्य की शक्ति को नहीं छीना जा सकता': इंडस्ट्रियल अल्कोहल पर SC का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने औद्योगिक शराब को लेकर एक अहम फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को औद्योगिक शराब को लेकर राज्यों की बड़ी जीत की तरह है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना कि राज्य औद्योगिक शराब को भी रेगुलेट कर सकता है.

इंडस्ट्रियल अल्कोहल यानी औद्योगिक शराब पर कानून बनाने के लिए किसकी चलेगी, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 23 अक्टूबर को बड़ा फैसला सुना दिया. कोर्ट ने कहा कि 'औधोगिक शराब पर कानून बनाने की राज्य को शक्ति को नहीं छीना जा सकता है. देश की शीर्ष अदालत ने 8:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संविधान पीठ ने 8:1 के बहुमत से फैसला सुनाया कि राज्यों के पास औद्योगिक अल्कोहल को रेगुलेट करने का अधिकार है.
नौ में से आठ जजों की ओर से फैसला लिखते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र सरकार के पास ये अधिकार नहीं है.नौ-न्यायाधीशों वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस बी वी नागरत्ना ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई. यहां बताना है कि औद्योगिक अल्कोहल मानव उपभोग के लिए नहीं होता है.
पहले भी हो चुकी मामले की सुनवाई
इस मामले में पिछली सुनवाई 18 अप्रैल को हुई थी. उस दौरान संविधान पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब पीठ ने 6 दिनों की मैराथन सुनवाई के दौरान फैसला सुनाया है. जिस पीठ ने ये फैसला सुनाया है उसमें CJI डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस हृषिकेश रॉय,जस्टिस अभय एस ओक,जस्टिस बी वी नागरत्ना,जस्टिस जेबी पारदीवाला,जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस उज्जल भुइयां, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं.