RSS प्रमुख का लेक्चर बना VIP हब! कपिल देव से लेकर अमेरिका-चीन के राजनयिक तक, इन विदेशी मेहमानों की होगी एंट्री
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के तीन दिवसीय व्याख्यान कार्यक्रम की गेस्ट लिस्ट इस बार बेहद खास है. मंगलवार से शुरू होने वाले इस आयोजन में सेना, न्यायपालिका, खेल, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति से जुड़े दिग्गज चेहरे एक ही मंच पर नजर आएंगे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के तीन दिवसीय व्याख्यान कार्यक्रम की गेस्ट लिस्ट इस बार बेहद खास है. मंगलवार से शुरू होने वाले इस आयोजन में सेना, न्यायपालिका, खेल, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति से जुड़े दिग्गज चेहरे एक ही मंच पर नजर आएंगे.
पूर्व सेनाध्यक्ष एम.एम. नरवणे, पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, कपिल देव और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा जैसे खेल सितारों से लेकर अमेरिका, चीन और नेपाल सहित कई देशों के राजनयिक इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. करीब 1,300 मेहमानों की मौजूदगी इस आयोजन को और भी खास बनाती है.
कौन-कौन होगा शामिल?
इस व्याख्यान श्रृंखला में न केवल भारतीय नामचीन हस्तियां बल्कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
- पूर्व सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे
- पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई
- क्रिकेट आइकन कपिल देव
- ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा
- अभिनेता मनोज जोशी
- मूर्तिकार राम वी. सुतार
- दगर बंधु (शास्त्रीय संगीत कलाकार)
इसके अलावा, अमेरिका, चीन, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कजाखस्तान समेत कई देशों के राजनयिक भी मौजूद रहेंगे. हालांकि, पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रतिनिधियों को आमंत्रण नहीं दिया गया है.
आयोजन का पैमाना और मकसद
करीब 1,300 मेहमानों की मौजूदगी यह दिखाती है कि कार्यक्रम का पैमाना बेहद बड़ा है। मोहन भागवत का संबोधन सिर्फ वैचारिक विमर्श नहीं होगा, बल्कि यह विचारकों, नीति-निर्माताओं, सांस्कृतिक हस्तियों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के बीच संवाद का मंच बनेगा. आरएसएस के लिए यह आयोजन दोहरी भूमिका निभाता है. देश के भीतर अपनी स्वीकार्यता और प्रभाव को मजबूत करना. दुनिया के सामने खुद को संवाद के लिए तैयार संगठन के रूप में पेश करना.
पिछली व्याख्यान श्रृंखलाओं की थीम
भागवत अपने पिछले व्याख्यानों में राष्ट्रीय पहचान, राष्ट्रवाद, सामाजिक समरसता और ‘नए भारत’ की संघ दृष्टि जैसे विषयों पर जोर देते रहे हैं. इस बार का आयोजन और व्यापक होगा, जिसमें घरेलू प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ-साथ विदेशी हितधारकों से भी सीधा संवाद किया जाएगा.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती उपस्थिति
विशेषज्ञों का मानना है कि इस आयोजन की गेस्ट लिस्ट साफ तौर पर दिखाती है कि भारत की सार्वजनिक जिंदगी में आरएसएस की भूमिका लगातार बढ़ रही है। साथ ही विदेशों में भी संगठन के प्रति जिज्ञासा बनी हुई है.