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PM Modi ने जेलेंस्की को Thank You क्यों बोला? ट्रंप–पुतिन मीटिंग के बाद भारत ने कहा- दुनिया चाहती है कि यूक्रेन जंग का अंत हो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देते हुए यूक्रेन के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना की. जेलेंस्की ने भारत-यूक्रेन सहयोग को और मजबूत करने की उम्मीद जताई और रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने में भारत की भूमिका की अपेक्षा की. वहीं भारत ने अलास्का में हुए ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन का स्वागत करते हुए कहा कि युद्ध का समाधान केवल संवाद और कूटनीति से संभव है.

PM Modi ने जेलेंस्की को Thank You क्यों बोला? ट्रंप–पुतिन मीटिंग के बाद भारत ने कहा- दुनिया चाहती है कि यूक्रेन जंग का अंत हो
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( Image Source:  White House/ANI )

India on Alaska Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की का भारत की स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं के लिए आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने यूक्रेनी जनता के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना भी की.

मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “धन्यवाद राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की आपके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए... भारत और यूक्रेन के बीच मजबूत होते रिश्तों को मैं गहराई से महत्व देता हूं. हम ईमानदारी से चाहते हैं कि यूक्रेन के मित्रों का भविष्य शांति, प्रगति और समृद्धि से भरा हो.”

यह संदेश तब आया जब राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को भारत की 79वीं स्वतंत्रता दिवस वर्षगांठ पर बधाई दी थी. ज़ेलेंस्की ने अपने संदेश में लिखा, “भारत की जनता, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई. इस सप्ताह मेरी प्रधानमंत्री मोदी से सकारात्मक और स्पष्ट बातचीत हुई, जहां मुझे व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएं देने का अवसर मिला.”

“मुझे विश्वास है कि भारत-यूक्रेन संबंध और मज़बूत होंगे”

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और यूक्रेन दोनों स्वतंत्रता और गरिमा के लिए संघर्ष करने का साझा अनुभव रखते हैं. उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में योगदान देगा. ज़ेलेंस्की ने आगे लिखा, “हमारे देशों के बीच विज्ञान, तकनीक, व्यापार और संस्कृति में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं. मुझे विश्वास है कि भारत-यूक्रेन संबंध और मज़बूत होंगे. शांति और समृद्धि की शुभकामनाएं.”

ट्रंप-पुतिन मीटिंग पर भारत ने क्या कहा?

शनिवार को भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई मीटिंग का स्वागत किया. विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान जारी करते हुए कहा, “भारत अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई शिखर वार्ता का स्वागत करता है. शांति की दिशा में उनके नेतृत्व की सराहना की जानी चाहिए. आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से ही निकल सकता है. दुनिया यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र अंत की उम्मीद करती है.”

अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच करीब तीन घंटे चली पहली US-Russia शिखर वार्ता संपन्न हुई. यह बैठक फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद दोनों नेताओं के बीच हुई पहली मुलाकात थी. बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया से सवाल लिए बिना संयुक्त बयान दिया, लेकिन युद्ध खत्म करने की दिशा में कोई ठोस खाका सामने नहीं आया.

ट्रंप-पुतिन ने क्या कहा?

ट्रंप ने कहा कि कई मुद्दों पर सहमति बनी है, हालांकि कुछ पर अब भी मतभेद हैं. वहीं पुतिन ने दावा किया कि दोनों पक्ष ऐसे समझौते तक पहुंचे हैं, जिससे यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति की राह खोलने में मदद मिलेगी.

भारत के लिए अहम रही बैठक

यह बैठक भारत के लिए इसलिए भी अहम रही क्योंकि ट्रंप ने रूसी तेल खरीद जारी रखने पर भारत को सेकेंडरी सैंक्शंस की धमकी दी थी. हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है, जबकि भारत ने भी प्रत्युत्तर में अमेरिकी सामान पर 25% शुल्क लागू कर दिया है. ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत रूसी तेल को खुले बाज़ार में बेचकर मुनाफा कमा रहा है. इससे रूस की युद्ध मशीनरी को सहारा मिल रहा है. भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका और यूरोपीय संघ पर डबल स्टैंडर्ड अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे.

ट्रंप ने 8 अगस्त तक रूस को युद्धविराम पर सहमत होने की डेडलाइन दी थी

बैठक से पहले ट्रंप ने 8 अगस्त तक रूस को युद्धविराम पर सहमत होने की डेडलाइन दी थी. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका केवल 'Peace Agreement' है, न कि अस्थायी सीजफायर. ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की सोमवार को वॉशिंगटन में मुलाकात करेंगे और संभावना है कि इसके बाद पुतिन के साथ त्रिपक्षीय बैठक भी हो सकती है. जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यूक्रेन शांति के लिए अधिकतम प्रयास करने को तैयार है. यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका की शक्ति हालात के विकास पर असर डाले.” उन्होंने ट्रंप के त्रिपक्षीय बैठक के प्रस्ताव का समर्थन किया.

'समाधान युद्ध के मैदान पर नहीं, बल्कि बातचीत की मेज पर निकलेगा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार युद्धविराम और बातचीत पर ज़ोर देते रहे हैं. पुतिन और जेलेंस्की दोनों ने अलास्का वार्ता से पहले मोदी से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी दी थी. मोदी ने पिछले वर्ष रूस और यूक्रेन की अलग-अलग यात्राओं में साफ कहा था कि समाधान युद्ध के मैदान पर नहीं, बल्कि बातचीत की मेज पर निकलेगा. भारत ने कभी भी रूस की सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं की है और न ही युद्ध खत्म करने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में शामिल हुआ है. हालांकि, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि नई दिल्ली ने कई बार मास्को और कीव के बीच संदेश पहुँचाने का काम किया है.

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