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Pinaka Weapon System: शिवजी के ‘धनुष’ का कायल हुआ फ़्रांस, ताक़त और तेवर होश उड़ा देने वाले- Detailed

पिनाका वेपन सिस्‍टम की मारक क्षमता दुनिया देख चुकी है. अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध के दौरान भारत ने अर्मेनिया को यह वेपन सिस्‍टम बेचा था और उसी युद्ध में दुनिया इसकी ताकत देख चुकी है. अब भारत के भरोसेमंद मित्र देश फ्रांस ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है.

Pinaka Weapon System: शिवजी के ‘धनुष’ का कायल हुआ फ़्रांस, ताक़त और तेवर होश उड़ा देने वाले- Detailed
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प्रवीण सिंह
Curated By: प्रवीण सिंह

Updated on: 15 Nov 2024 8:09 PM IST

भारत के मल्‍टी बैरल रॉकेट सिस्‍टम पिनाका के बारे में आपने जरूर सुना होगा. कहीं और नहीं तो कम से कम हर साल 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में तो इसे जरूर देखा होगा. खैर, अगर आपने नहीं देखा या सुना है तो हम आपको बताते हैं. सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि पिनाका सुर्खियों में क्‍यों है.

तो बता दें कि भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने पिनाका के सबसे लेटेस्‍ट और घातक वर्जन का सफल परीक्षण किया है. जिसके बाद से ही इसकी चर्चा तेज है. यह परीक्षण तीन चरणों में किए गए और सब में इस भारतीय हथियार ने उम्‍मीद से बेहतर प्रदर्शन किया.

क्या है पिनाका वेपन सिस्‍टम?

पिनाका एक मल्‍टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है जिससे एक साथ कई रॉकेट दागे जा सकते हैं. इसका नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है. यह हथियार दुश्मन के टैंकों, बंकरों और अन्य सैन्य ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है. कहा जाता है कि इससे जिस भी इलाके को निशाना बनाया जाता है, वहां एक किलोमीटर के दायरे में कोई भी चीज जीवित नहीं रह सकती.

इन खूबियों से लैस है पिनाका

पिनाका वेपन सिस्‍टम अपने लक्ष्‍य पर सीटक निशाना साधने और उसे नेस्तनाबूद करने के लिए जाना जाता है. वर्तमान में जो पिनाका सिस्‍टम सेवा में हैं उनकी रेंज 45 से लेकर 90 किलोमीटर तक है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी रेंज बढ़ा कर 300 किलोमीटर तक करने की तैयारी हो रही है. इसकी स्‍पीड भी इसकी खूबियों में से एक है क्‍योंकि जिस तेजी से यह अपने लक्ष्‍य पर पहुंचता है, दुश्‍मन के लिए बचने की कोई गुंजाइश नहीं रहती.

DRDO ने ऐसे किया पिनाका को डेवलप

पिनाका रॉकेट सिस्‍टम आत्‍मनिर्भर भारत का सटीक उदाहरण माना जा सकता है. इसका विकास भारतीय रक्षा एवं अनुसंधान संगठन (DRDO) ने किया है। पिनाका से पहले भारतीय सेना रूसी बीएम-21 'ग्रैड' लॉन्चरों का उपयोग करती थी लेकिन उसकी अपनी सीमाएं थीं. ऐसे में लंबी दूरी तक मार करने वाले किसी हथियार की‍ जरूरत महसूस हुई. और सभी तरह की मंजूरी मिलने के बाद दिसंबर 1986 में इसका विकास शुरू हुआ.

फ्रांस क्‍यों दिखा रहा रुचि?

पिनाका वेपन सिस्‍टम की मारक क्षमता दुनिया देख चुकी है. अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध के दौरान भारत ने अर्मेनिया को यह वेपन सिस्‍टम बेचा था और उसी युद्ध में दुनिया इसकी ताकत देख चुकी है. अब भारत के भरोसेमंद मित्र देश फ्रांस ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है. सामाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक फ्रांस के सैन्‍य अधिकारियों की रुचि इस हथियार में है और जल्‍द ही उनकी एक टीम इस हथियार के सिलसिले में भारत आएगी. फ्रांस के सेना प्रमुख भी अपने भारत दौरे के दौरान इसकी ताकत देख चुके हैं. ऐसे में अगर फ्रांस इसे खरीदता है तो निश्चित रूप से भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए यह शानदार उपलब्‍ध‍ि होगी.

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