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ओला-उबर की राइड महंगी! अब पीक आवर में दोगुना होगा किराया, क्या कहती है सरकार की नई गाइडलाइंस?

केंद्र सरकार ने ओला, उबर, रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. अब पीक ऑवर में ये कंपनियां बेस फेयर से दोगुना किराया वसूल सकती हैं. बिना वजह राइड कैंसिल करने पर ड्राइवर या यात्री दोनों पर जुर्माना लगेगा. ड्राइवरों का बीमा अनिवार्य होगा और वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम भी ज़रूरी किया गया है.

ओला-उबर की राइड महंगी! अब पीक आवर में दोगुना होगा किराया, क्या कहती है सरकार की नई गाइडलाइंस?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 2 July 2025 10:31 AM IST

अगर आप ओला, उबर, इनड्राइव या रैपिडो जैसी कैब बुक करते हैं, तो अब आपको पीक टाइम में जेब ढीली करनी पड़ सकती है. दरअसल, केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की है, जिनमें इन एग्रीगेटर कंपनियों को यह इजाजत दी गई है कि वो पीक ऑवर में बेस फेयर से दोगुना तक किराया ले सकती हैं. पहले यह सीमा 1.5 गुना थी. वहीं नॉन-पीक ऑवर में ये कंपनियां बेस फेयर का कम से कम 50% वसूल सकती हैं.

सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे इन नए नियमों को तीन महीनों के अंदर लागू करें. इसके तहत राज्य सरकारें अब ऑटो और बाइक टैक्सी के बेस फेयर तय करेंगी. दिल्ली, मुंबई, पुणे जैसे शहरों में यह किराया अलग-अलग है, इसलिए हर राज्य को खुद ये रेट तय करना होगा. इससे यात्रियों और ड्राइवरों दोनों को स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से फायदा होगा.

कोई भी राइड कैंसिल करे, देना होगा जुर्माना

अब अगर ड्राइवर बिना किसी ठोस वजह के बुकिंग रद्द करता है, तो उस पर ₹100 तक का जुर्माना लगेगा. यही नियम पैसेंजर पर भी लागू होगा. यानी अगर आपने राइड बुक करके कैंसिल कर दी, तो आपको भी फीस देनी होगी. यह जुर्माना ड्राइवर और कंपनी के बीच बांटा जाएगा. इस नियम का मकसद यह है कि बुकिंग के बाद कोई भी बेवजह कैंसिल न करे और सभी को समय पर सेवा मिले.

ड्राइवरों को मिलेगा इंश्योरेंस

सरकार ने ड्राइवरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा है. अब हर ड्राइवर के पास कम से कम ₹5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस और ₹10 लाख का टर्म इंश्योरेंस होना जरूरी होगा. इससे दुर्घटना या बीमारी की हालत में ड्राइवर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी. कंपनियों को कहा गया है कि वे यह सुविधा अपने ड्राइवरों को उपलब्ध कराएं.

कैब में लोकेशन और ट्रैकिंग डिवाइस अब अनिवार्य

सुरक्षा बढ़ाने के लिए हर कैब में अब लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगाना जरूरी होगा. इस डिवाइस की जानकारी न सिर्फ एग्रीगेटर को मिलेगी, बल्कि राज्य सरकार के कंट्रोल रूम में भी जाएगी. इससे अगर कोई समस्या हो, तो तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा. इसके अलावा, हर ड्राइवर को हर साल रिफ्रेशर ट्रेनिंग देनी होगी. अगर किसी ड्राइवर की रेटिंग लगातार कम बनी रही, तो उसे बार-बार ट्रेनिंग देनी होगी, वरना वह सेवा नहीं दे पाएगा.

खाली जाने का किराया नहीं

अगर कोई गाड़ी आपकी पिकअप लोकेशन तक खाली जाती है, तो अब 3 किलोमीटर तक की दूरी के लिए आपसे कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. किराया सिर्फ आपकी यात्रा की शुरुआत से लेकर गंतव्य तक ही वसूला जाएगा. इससे यात्रियों को गैरज़रूरी चार्ज से राहत मिलेगी और ट्रांसपेरेंसी भी बढ़ेगी.

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