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Air India प्लेन क्रैश की जांच में नया खुलासा! टेल सेक्शन में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट के सुराग; ब्लैक बॉक्स से मिले अहम डेटा

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया AI-171 हादसे की जांच में टेल सेक्शन में इलेक्ट्रिकल आग के सुराग मिले हैं. प्रारंभिक जांच से संकेत मिला कि उड़ान के 26 सेकंड बाद तकनीकी खराबी के चलते ईंधन आपूर्ति रुकी. ब्लैक बॉक्स से 49 घंटे का डेटा मिला है जो हादसे के कारणों की पुष्टि में मदद करेगा.

Air India प्लेन क्रैश की जांच में नया खुलासा! टेल सेक्शन में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट के सुराग; ब्लैक बॉक्स से मिले अहम डेटा
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 20 July 2025 10:50 AM IST

12 जून को एयर इंडिया की उड़ान AI-171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे 23 से उड़ान भरी थी. टेक-ऑफ के महज़ 26 सेकंड के भीतर ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस दौरान विमान के पिछले हिस्से में बिजली से जुड़ी गड़बड़ी की वजह से नियंत्रण तंत्र ने काम करना बंद कर दिया, जिससे टेल असेंबली में आग लगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आग की उत्पत्ति और सीमित दायराजांच में पाया गया कि विमान के टेल यानी पिछले हिस्से में स्थित एम्पेनेज में 'बिजली की आग' के संकेत मिले हैं. हालांकि यह आग रनवे से टकराने के बाद नहीं, बल्कि टेक-ऑफ के दौरान ही उत्पन्न हुई थी. विस्फोट के बावजूद टेल असेंबली बाकी हिस्सों के मुकाबले कम क्षतिग्रस्त हुआ, जिससे कई महत्वपूर्ण पुर्ज़ों की पहचान की जा सकी.

ब्लैक बॉक्स ने खोली परतें

दुर्घटना के बाद बरामद दोनों ब्लैक बॉक्स में से पिछला EAFR बुरी तरह जल चुका था और उसका डेटा निकालना संभव नहीं हो सका. इसके विपरीत, सामने का ब्लैक बॉक्स सुरक्षित मिला और उससे करीब 49 घंटे का डेटा और दुर्घटना से जुड़ी ऑडियो रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई, जो जांच के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

पिछली उड़ान में मिली थी चेतावनी

दिल्ली से अहमदाबाद की पिछली उड़ान AI-423 में पायलट ने STAB POS XDCR यानी स्टेबलाइज़र पोजिशन ट्रांसड्यूसर से जुड़ी गड़बड़ी की शिकायत दर्ज की थी. यह सेंसर विमान के पिछले हिस्से में होता है. टेक-ऑफ से पहले इंजीनियर ने इसका समाधान करने की पुष्टि की थी, लेकिन संभावना है कि यही खराबी दुर्घटना का कारण बनी हो.

APU और विद्युत तंत्र की भूमिका

विमान के ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU) को सही अवस्था में पाया गया है. अधिकारियों के अनुसार, टेक-ऑफ के समय थ्रस्ट बढ़ाने के लिए APU सक्रिय किया गया था. यदि APU या अन्य विद्युत सिस्टम में कोई गड़बड़ी हुई, तो इससे ईंधन आपूर्ति प्रणाली में रुकावट आई होगी, जिससे दोनों इंजन कुछ ही सेकंड में बंद हो गए. FADEC यूनिट से प्राप्त डेटा इसकी पुष्टि करता है.

फ्लाइट अटेंडेंट की मौत

पिछले हिस्से में बैठी फ्लाइट अटेंडेंट का शव 72 घंटे बाद मिला, जिसकी स्थिति बताती है कि उसकी मौत विस्फोट से नहीं, बल्कि टक्कर से हुई थी. उसके शरीर पर आग के हल्के निशान थे लेकिन कपड़ों की पहचान से उसकी पुष्टि हो सकी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि वह ब्रेस पोजिशन में थी और आग से अधिक प्रभावित नहीं हुई.

इलेक्ट्रिकल सिस्टम में स्विचिंग का संकेत

दुर्घटना में जीवित बचे इकलौते व्यक्ति विश्वास कुमार ने बयान दिया कि उड़ान के दौरान “केबिन की लाइटें टिमटिमा रही थीं.” इससे संकेत मिलता है कि विमान का मुख्य और बैकअप विद्युत सिस्टम आपस में स्विच हो रहा था. यह अस्थिर विद्युत प्रवाह किसी गंभीर गड़बड़ी का प्रमाण हो सकता है.

2013 जैसा दोहराव?

2013 में ड्रीमलाइनर बेड़े को APU बैटरियों की खराबी के कारण अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया गया था. वही पुर्ज़ा AI-171 की दुर्घटना में केंद्रबिंदु बन चुका है. FAA द्वारा स्वीकृत नए डिज़ाइन के बावजूद, APU और उससे जुड़ी विद्युत प्रणाली की जांच निर्णायक साबित हो सकती है. जांच की निगाहें अब उन सारे हिस्सों पर हैं, जो एक संभावित चेन रिएक्शन को जन्म दे सकते थे.

अहमदाबाद प्लेन क्रैश
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