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122 करोड़ खा गया पूर्व GM! चेहरे पर मायूसी लिए बैंक के चक्कर लगा रहे कस्टमर | 10 UPDATE
New India Co-operative Bank Scam: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पिछले दो फाइनेंशियल ईयर से वित्तीय घाटे से जूझ रहा है, इसकी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में 31 करोड़ रुपये के नुकसान के बाद मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए 23 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया गया है.

New India Co-operative Bank Scam
New India Co-operative Bank Scam: घोटाले ने घाटे को जन्म दिया और फिर जब घोटला का पर्दाफाश हुआ तो कस्टमर्स के आंखों के आगे अंधेरा और सरकार के पैरो तले जमीन खिसक गई. 57 साल पुराने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को RBI ने एक झटके में बैन कर दिया.
NICB बैंक घोटाले और बैन पर 10 बड़े UPDATE-
- मुंबई पुलिस ने बताया कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक हितेश प्रवीणचंद मेहता पर बैंक के खजाने से 122 करोड़ रुपये चुराने का आरोप लगाया गया है.
- 2020 से 2025 के बीच हितेश ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की दो शाखाओं दादर और गोरेगांव के खातों से कथित तौर पर 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.
- मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने हितेश मेहता को समन जारी किया है. EOW ने कहा कि जब अकाउंट का बुक का मिलान किया गया तो 122 करोड़ रुपये की धांधली पाई गई.
- EOW ने कहा, 'आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. EOW ने बही-खातों का ब्योरा ले लिया है और उसका फोरेंसिक ऑडिट किया जाएगा.' मुंबई पुलिस ने बताया कि दादर पुलिस ने इस संबंध में BNS की धारा 316 (5) और 61 (2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.
- मुंबई हेडक्वार्टर वाले न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर कारोबारी प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद RBI ने शुक्रवार को संचालन संबंधी खामियों का हवाला देते हुए बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और इसे फिर से शुरू करने के लिए एक प्रशासक नियुक्त कर दिया.
- RBI ने बैंक को नए लोन और जमा देने से रोक दिया गया है. बैंक को किसी भी तरह का भुगतान करने से रोक दिया गया है. कस्टमर्स जमा राशि नहीं निकाल सकते.
- बैंक के परेशान कस्टमर्स सुबह से ही अपनी बचत की रकम पाने की उम्मीद में सहकारी बैंक की शाखाओं में पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें कैंपस में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
- न्यूज एजेंसी IANS से बात करते हुए एक कस्टमर ने कहा, 'मैं आज सुबह उठाता हूं और मुझे सुबह 9:20 बजे एक मैसेज मिला. मैं यहां आया और वे कह रहे हैं कि 90 दिनों के भीतर जिनके पास 5 लाख रुपये तक का पैसा है, उन्हें अपना पैसा वापस मिलेगा. नौकरी मिलना मुश्किल हो रहा है... हम पैसे बचाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.'
- न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पिछले दो फाइनेंशियल ईयर से वित्तीय घाटे से जूझ रहा है, इसकी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023 में 31 करोड़ रुपये के नुकसान के बाद मार्च 2024 को समाप्त होने वाले फाइनेंशियल ईयर के लिए 23 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया गया है.
- न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना 1968 में मुंबई में हुई थी और 1977 में इसका नाम बदलकर न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड कर दिया गया था. हालांकि, RBI ने इसका लाइसेंस रद्द नहीं किया है, बल्कि बस इसे लेकर सख्त कदम उठाए हैं.