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NEET पेपर लीक: शिक्षा मंत्रालय को सौंपे गए कई अहम सुझाव, OMR शीट को लेकर भी कही गई ये बात

नीट पेपर लीक विवाद के बाद NTA ने परीक्षा आयोजित करवाने को लेकर कुछ सुधार पेश किए हैं. इनमें प्रश्न पत्र डिजिटली और OMR शीट पर आंसर्स देने का फैसला लिया गया है. दरअसल NTA को परीक्षा संचालित करने को लेकर इसमें सुधार करने का सुझाव पेश करने के निर्देश दिए गए थे. जिसके तहत इन सुझावों की सूची को शिक्षा मंत्रालय के पास भेजा गया है.

NEET पेपर लीक: शिक्षा मंत्रालय को सौंपे गए कई अहम सुझाव, OMR शीट को लेकर भी कही गई ये बात
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 30 Oct 2024 10:16 AM IST

नीट पेपर लीक के बाद एंट्रेंस एग्जाम को लेकर परीक्षा की प्रक्रिया में कुछ सुधार पेश किए हैं. दरअसल NTA को डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को और भी अधिक मजबूत बनाने के लिए साथ ही परीक्षा के दौरान सुधार लाने के लिए ऑपरेशन और संचालन की समीक्षा करने को कहा गया था. वहीं एनटीए की ओर से इस संबंध में हाल ही में शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट भी सौंपी गई है.

वहीं इस समीक्षा के बाद एग्जाम को कहीं भी ऑनलाइन हाइब्रिड मॉडल के तहत करवाने के लिए सुझाव दिए गए हैं. साथ ही प्रश्न पेपर को भी डिजिटली भी पेश किया जाएगा. लेकिन इनके उत्तर जरुरत पढ़ने पर शीट पर ही देने होंगे. वहीं मेडिकल के छात्रों के लिए मल्टी स्टेज एग्जाम करवाना, केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के तहत विषयों के चयन को युक्तिसंगत बनाना, तथा इन परिवर्तनों को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए NTA की ओर से और भी अधिक लोगों को नियुक्त करना इन सुझावों में पेश किया गया है.

मंत्रालय को सौंपे गए सुझाव

इसरो के पूर्व हेड डॉ. के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात लोगों की टीम ने इन सुझावों को पेश किया है. कमिटी को इन सुझावों को परीक्षा आयोजित करने के लिए किन सुधारों की आवश्यकता पड़ सकती है. इसके लिए गठित किया गया था. वहीं कमिटी ने इन समीक्षा के बाद इन सुझावों को तैयार करते हुए शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

इतने टेस्ट क्यों?

राधाकृष्णन पैनल ने CUET द्वारा कई टेस्ट देने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसके पीछे के तर्क पर सवाल खड़े किए हैं. पैनल का कहना है कि एक साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट जिसने पहले ही बोर्ड एग्जाम को पास किया है उसी सेम सब्जेक्ट के टेस्ट देने की जरूरत है. पैनल का कहना है कि विषयों की भूमिका प्राथमिक रूप से पात्रता निर्धारित करने की होनी चाहिए, जबकि CUET को कॉलेज प्रवेश के लिए योग्यता सूची तैयार करने हेतु सामान्य योग्यता और कुछ विषय ज्ञान का आकलन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक छात्र को 6 पेपर देने की क्या आवश्यकता? जब उसने पहले ही बोर्ड एग्जाम को पास किया है.

उन्होंने कहा कि कई सारे सब्जेक्ट का मतलब है कि क्वेश्चन पेपर के कई सेट्स को तैयार करना. जो एक तरह से इसे तैयार करने में कई लोगों को भी शामिल करता है. इसपर हमे गौर करते हुए सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए.

हाइब्रिड मोड में ऐसे होंगी परीक्षाएं

वहीं बात अगर हाइब्रिड मोड की अगर की जाए तो प्रश्न पत्रों को डिजिटली परीक्षा केंद्रो में भेजा जाएगा. लेकिन इस दौरान अभ्यर्थी अपने आंसर्स को शीट पर ही मार्क करने होंगे. कमीटि द्वारा पेश किया गया सुझाव इसलि भी जरूरी है क्योंकी नीट पेपर लीक के दौरान जब क्वेशन पेपर परीक्षा केंद्र पर पहुंचा था तो इसे लीक किया गया था. इसके कारण देशभर में काफी बवाल भी देखने मिला था. इसलिए डिजिटली क्वेशन पेपर भेजने का फैसला इस बार किया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार इस तरीके से सुरक्षा काफी बढ़ेगी. ऐसा इसलिए क्योंकी एग्जामीनेशन सेंटर्स के पास भी क्वेशन कुछ समय पहले ही सौंपे जाएंगे. बताया गया कि पहले प्रश्न पेपर प्रिंटिंग प्रेस में दिए जाएंगे. फिर अंत में परीक्षा केंद्र में सौंपे जाएंगे. सभी परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी, लेकिन जहां संभव नहीं होगा, वहां प्रश्नपत्र डिजिटल रूप से भेजे जाएंगे, उत्तर ओएमआर शीट पर देने की भी बात सामने आई है.

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