H-1B विवाद पर मोदी सरकार अलर्ट, IT कंपनियों से क्यों ले रही फीडबैक?
H-1B Row: भारत सरकार IT और मैनेजमेंट प्रोफेशनल की आलोचना और प्रोफाइलिंग के बीच अमेरिका में भारतीय एच-1बी वीजा होल्डर्स की स्थिति पर सतर्कता से नजर रख रही है, ताकि डोनाल्ड ट्रंप सरकार में होने वाले बदलाव भारतीय वर्कर्स पर इसका प्रभाव न पड़े.

H-1B Row: अमेरिका का के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एलान के बाद अमेरिका में इन दिनों एच-1बी मुद्दे पर घमासान जारी है. अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए वह इसमें बदलाव करने की तैयारी में हैं. अब भारत सरकार इसे लेकर अलर्ट हो गई है.
मोदी सरकार अमेरिका में भारतीय एच-1बी वीजा धारकों के खिलाफ हो रहे विरोध और आईटी और मैनेजमेंट प्रोफेशनल की प्रोफाइलिंग पर कड़ी नजर रख रही है. आईटी मंत्रालय के अलावा विदेश मंत्रालय और वाणिज्य विभाग भी इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं, ताकि कानूनी रूप से काम करने वाले भारतीयों के खिलाफ कोई समस्या न हो.
सरकार इन बदलाव पर रख रही है नजर
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के एक सुत्र ने बताया, 'आईटी मंत्रालय भी इस प्रक्रिया में शामिल है और जमीनी स्तर पर स्थिति को समझने के लिए बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ-साथ नैसकॉम जैसे प्रासंगिक उद्योग संघों से फीडबैक ले रहा है.'
सरकार इस बात पर भी नजर रख रही है कि डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापस आने के बाद अमेरिकी वीज़ा नीतियां, खास तौर पर आईटी और टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट और अन्य योग्य पेशेवरों के लिए किस तरह से बदलाव होता है.'
अमेरिकी विरोध के बाद ट्रम्प की सफाई
ट्रम्प ने हाल में ही चेन्नई में जन्मे श्रीराम कृष्णन को AI पर वरिष्ठ व्हाइट हाउस नीति सलाहकार के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी, जिसके बाद अमेरिका में इसका विरोध होने लगा. उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता लॉरा लूमर जैसे लोगों ने दावा किया है कि एच-1बी वीजा धारक योग्य अमेरिकियों से नौकरियां छीन रहे हैं.
हालांकि, जैसे ही विवाद बढ़ने लगा लूमर के हमलों को न केवल ट्रम्प ने बल्कि खुद एलन मस्क ने भी गलत बताया. न्यूयॉर्क पोस्ट से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा, 'मुझे हमेशा से वीजा पसंद रहा है, मैं हमेशा से वीजा के पक्ष में रहा हूं. इसलिए हमारे पास ये हैं. मेरी संपत्तियों पर कई H-1B वीजा हैं. मैं H-1B में विश्वास करता रहा हूं. मैंने कई बार इसका इस्तेमाल किया है. यह बेहतरीन है.'
क्या है H-1B वीजा?
H-1B वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो अमेरिका में काम करने के लिए विदेशियों को दिया जाता है. ये वीजा उन्हें मिलता है, जो एक्सपर्ट्स वर्कर हैं, जिसकी अमेरिका में कमी है. अमेरिका में इस वीजा की वैलिडिटी 6 साल की होती है. इसके बाद उन्हे वहां का ग्रीन कार्ड मिलता है. अमेरिका में भारत के IT प्रोफेशनल्स की हाई डिमांड है.