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चोरी और फिर सीनाजोरी! 231 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ 'Meta', अब आपके लिए बदल रहा है 'WhatsApp'

CCI fined Meta: व्हाट्सएप CCI के बाद अपने भारतीय यूजर्स के लिए प्राइवेसी में कई बदलाव करने वाले हैं. इसके तहत अब यूजर्स मेटा के अन्य प्लेटफ़ॉर्म के साथ डेटा शेयर करने से ऑप्ट आउट कर सकेंगे.

चोरी और फिर सीनाजोरी! 231 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ Meta, अब आपके लिए बदल रहा है WhatsApp
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CCI fined Meta
( Image Source:  Canva )
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 19 Nov 2024 12:45 PM IST

CCI fined Meta: 'Meta' के मालिक मार्क जुकरबर्ग को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से तड़गा झटका लगा है. CCI ने सोमवार 18 नवंबर 2024 को सोशल मीडिया कंपनी मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. यह जुर्माना 2021 में वॉट्सएप की प्राइवेस पॉलिसी अपडेट के संबंध में अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस को देखते हुए लगाया गया है. इसके साथ ही प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को बंद करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.

ताजा अपडेट की बात करें तो मेटा ने मंगलवार यानी 19 नवंबर 2024 को कहा कि वह जुर्माना लगाए जाने के फैसले सहमत नहीं है और इसके खिलाफ अपील करने की प्लानिंग कर रही है. हालांकि, इन सबसे बीच सवाल ये है कि भारत के WhatsApp यूजर्स पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

मेटा पर लगे डेटा चोरी के आरोप

दरअसल, मेटा ने यूजर्स डेटा को दूसरी मेटा कंपनियों के साथ शेयर किया था, जो कि CCI के अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस का उल्लंघन करता है. भारत में WhatsApp यूजर्स जल्द ही अपने ऐप इंटरफेस में महत्वपूर्ण बदलाव देखेंगे, क्योंकि CCI ने मेटा को नए प्राइवेसी कंट्रोल और डेटा शेयरिंग ऑप्शन को जोड़ने कहा है.

अब यूजर्स डेटा शेयरिंग प्रीफेंस में कर सकते हैं बदलाव

भारत में 500 मिलियन (50 करोड़) से अधिक यूजर्स वाले मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म को प्रमुख इन-ऐप नोटिफिकेशन जोड़ने होंगे, जिससे यूजर्स Facebook और Instagram सहित मेटा के अन्य प्लेटफ़ॉर्म के साथ डेटा शेयर करने से ऑप्ट आउट कर सकें. WhatsApp सेटिंग में एक नया डेडिकेटेड टैब यूजर्स को अपनी डेटा शेयरिंग प्रीफेंस का रिव्यू और मॉडिफाई करने देगा.

कंपनी और यूजर्स के बीच होगी पारदर्शिता

ये बदलाव CCI के आदेश के मुताबिक, नए यूजर्स और उन लोगों दोनों को प्रभावित करता है जिन्होंने पहले 2021 प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को स्वीकार किया था. इसके तहत यूजर्स ऐप के अंदर देख सकेंगे कि कौन सा डेटा शेयर किया जा रहा है और क्यों? जिससे प्लेटफ़ॉर्म की डेटा प्रैक्टिस भारतीय यूजर्स के लिए अधिक पारदर्शी हो जाएगी. मेटा को इन बदलावों को रेगुलेटर्स की ओर से निर्धारित समय सीमा के भीतर लागू करना होगा. हालांकि, इसके लिए किसी खास तारीख की घोषणा नहीं की गई है.

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