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लेट हो रही थी दूल्हे राजा की ट्रेन, जानें रेलवे ने कैसे मदद कर बचाई शादी

एक शख्स अपनी शादी के लिए घर पर जाने के लिए ट्रेन से सफर कर रहा था. लेकिन कुछ कारणों से उसकी ट्रेन लेट थी. इस पर रेल ने किस तरीके से उसकी मदद की और समय रहते उसे दूसरी ट्रेन पकड़ने में मदद की इसका एक्सपीरिएंस सोशल मीडिया एक्स पर पेश किया है. इस एक्सपीरिएंस में उन्होंने बताया कि उनके साथ कुछ सीनियर सिटिजन्स भी यात्रा कर रहे हैं.

लेट हो रही थी दूल्हे राजा की ट्रेन, जानें रेलवे ने कैसे मदद कर बचाई शादी
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( Image Source:  meta ai )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 9 Dec 2025 2:04 PM IST

ट्रेन में सफर करना कितना दिलचस्प हो सकता है. यह जानकारी आपको इसका अनुभव करवा सकती है. दरअसल एक शख्स अपनी शादी के लिए घर पर जाने के लिए ट्रेन से रवाना हुआ था. इस दौरान ट्रेन में उसके साथ कई अन्य लोग भी सवार थे. मिली जानकारी के अनुसार सभी ने मुंबई से गुवाहाटी के लिए गीतांजलि एक्सप्रेस में सवार होकर निकले. लेकिन ट्रेन लेट थी.

ट्रेन के 3-4 घंटे लेट होने के कारण चंद्रशेखर नाम का शख्स काफी परेशान हुआ. ऐसा इसलिए क्योंकी इस देरी के कारण उनकी कनेक्टिंग ट्रेन मिस हो जाने वाली थी. जिसे वह हावड़ा स्टेशन से सरायघाट एक्सप्रेस पकड़ने वाले थे. लेकिन लेट होने के कारण वह काफी परेशान थे. इसी परेशानी वाले एक्सपीरिेएंस को रेलवे ने बेहतीरन अनुभव में बदल दिया कैसे आइए जानते हैं.

पोस्ट किया मंत्री से की मांग

दरअसल चंद्रशेखर वाघ ने इस देरी को लेकर एक्स पर पोस्ट किया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को स्थिति की गंभीरता के बारे में जानकारी दी. उन्होंने इस दौरान जानकारी देते हुए कहा कि सीनियर सिटीजन्स भी ट्रेन में उनके साथ सफर कर रहे थे. वहीं इस पर रेलवे की ओर से तुरंत एक्शन लेते हुए जवाब भी दिया गया. बताया गया कि पूर्वी रेलवे के मैनेजमेंट के निर्देश पर हावड़ा मंडल के रेल मैनेजमेंट और वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक ने एक्शन लेते हुए कुछ समय के लिए हावड़ा को रोक दिया और कई तुरंत व्यवस्था की गई.

इस तरह किया गया इंतजाम

बताया गया कि रेलवे ने इसी तरह स्थिति को कंट्रोल करते हुए दिशा निर्देश दिए गए और सभी इंतजाम किए गए. ऐसा इसलिए ताकी गीतांजलि एक्सप्रेस बिना किसी देरी के अपने गंतव्य पर पहुंच सके. इस मैनेजमेंट के तहत महज 35 मिनटों के तहत कुछ ही मिनटों में सरायघाट एक्सप्रेस में सवार हो जाएं. वहीं अब इस पर व्यक्ति ने प्रतिक्रिया दी. चंद्रशेखर वाघ ने कहा कि हमें बसस सिर्फ रेलवे की ओर से मदद ही नहीं मिली. यह काफी विनम्र स्वभाव था. अगर हस्तक्षेप नहीं किया जाता तो मैं और मेरा परिवार अपने जीवन में क्षण से चूक जाते. मैं भारतीय रेलवे का आभारी हूं.'

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