'मेक इन इंडिया पर PM Modi फेल इसलिए देश के अंदर चीन', लोकसभा में जमकर बरसे राहुल गांधी | VIDEO
राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसमें कुछ नया नहीं था. उन्होंने देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत को उत्पादन पर अधिक ध्यान देना होगा. उन्होंने मोबाइल का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में मोबाइल केवल असेंबल हो रहे हैं, जबकि हम चीन को टैक्स दे रहे हैं. इसके अलावा, राहुल गांधी ने बच्चों को नई तकनीकी क्षेत्रों के बारे में शिक्षा देने की आवश्यकता की बात की.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान चर्चा में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ नया नहीं था. राहुल गांधी ने देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई गिरावट पर चिंता जताई और कहा कि भारत को उत्पादन पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में मोबाइल केवल असेंबल हो रहे हैं, जबकि हम चीन को टैक्स चुकता कर रहे हैं. यह दिखाता है कि हमें मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम करना होगा.
इसके अलावा, राहुल गांधी ने कहा कि भारत में कंप्यूटर कांग्रेस की देन है और आज हमारे डेटा की जानकारी अमेरिकी कंपनियों के पास है. उन्होंने बच्चों को स्कूलों में बैटरियों, ड्रोन, रोबोट और संरचनाओं के बारे में जानकारी देने की बात की. राहुल ने यह भी कहा कि बीते 10 सालों में चीन इन तकनीकी क्षेत्रों में हमसे आगे बढ़ चुका है और हमें इन क्षेत्रों में भी काम करने की जरूरत है.
जमीन पर चीन का कब्ज़ा
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि पिछली बार भी मैंने यही बातें सुनी थीं. सरकारें बेरोजगारी के मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं देतीं और स्थिति अब भी वही है. कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मेक इन इंडिया एक अच्छा विचार था, लेकिन वह पूरी तरह से फेल हो गया है. आज हमारी जमीन पर चीन का कब्ज़ा है लेकिन प्रधानमंत्री ने इससे इनकार किया है. जबकि सेना प्रधानमंत्री की बात से असहमत हैं.चीन को दे रहे टैक्स
लोकसभा में विपक्षी नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि किसी भी देश में दो मुख्य चीजें व्यवस्थित की जाती हैं- खपत और उत्पादन. खपत को व्यवस्थित करने का आधुनिक तरीका सेवाओं के रूप में होता है, और उत्पादन को व्यवस्थित करने का तरीका मैन्युफैक्चरिंग है. लेकिन उत्पादन केवल मैन्युफैक्चरिंग से कहीं ज्यादा है. हमने एक देश के रूप में उत्पादन को सही तरीके से व्यवस्थित करने में असफलता प्राप्त की है. हमारे पास कई बेहतरीन कंपनियां हैं जो उत्पादन को व्यवस्थित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन असल में, हमने उत्पादन का काम चीनी कंपनियों को सौंप दिया है. इस मोबाइल फोन को लें, भले ही हम यह कहें कि यह भारत में बन रहा है, लेकिन यह सच नहीं है. यह फोन भारत में असेंबल किया जाता है, लेकिन इसके सारे पार्ट्स चीन में बनाए जाते हैं. हम चीन को टैक्स दे रहे हैं.