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शिंदे सरकार का बड़ा दांव, मदरसा के टीचरों की बढ़ाई दो गुना सैलरी

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने राज्य के मदरसा शिक्षकों को तोहफा देते हुए उनका वेतन बढ़ाने का एलान किया है. इसके तहत नॉर्मल टीचर की सैलरी में 6,000 से 16,000 करने का फैसला किया गया है. सरकार ने मौलाना आजाद अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम का बजट भी 700 करोड़ रुपये से अब 1000 करोड़ रुपये कर दिया है.

शिंदे सरकार का बड़ा दांव, मदरसा के टीचरों की बढ़ाई दो गुना सैलरी
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( Image Source:  Credit- social media )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 11 Oct 2024 8:04 PM IST

Maharashtra Government: महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले राजनीति पार्टियां प्रदेश की जनता से बड़े-बड़े वादे करती नजर आ रही हैं. बीजेपी, कांग्रेस और शिवसेना समेत तमाम राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ी घोषणा कर दी है.

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने राज्य के मदरसा शिक्षकों को तोहफा देते हुए उनका वेतन बढ़ाने का एलान किया है. इसके तहत नॉर्मल टीचर की सैलरी में 6,000 से 16,000 करने का फैसला किया गया है. कैबिनेट ने अपनी आखिरी बैठकों में ओबीसी, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को कई सौगात दी है.

शिक्षकों की बढ़ाई सैलरी

मुख्यमंत्री एकनाश शिंदे ने मदरसा टीचर्स की सैलरी बढ़ाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने रिकॉर्ड 80 फैसलों पर विचार किया और उनमें से 38 को मंजूरी दी है. शिंदे सरकार जाकिर हुसैन मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा दे रही है.

कितनी बढ़ी सैलरी

जानकारी के अनुसार डी.एड. शिक्षकों को छह हजार सैलरी अब बढ़कर 16 हजार रुपये मिलेगी. माध्यमिक स्तर पर बी.एड. और बी.एससी-बी.एड. योग्यता वाले टीचर्स को 8000 रुपये की जगह 18,000 रुपये बतौर वेतन मिलेंगे. ये टीचर्स मदरसों में माध्यमिक स्तर के विषयों को पढ़ाते है. सरकार से इस फैसले से शिक्षक बहुत खुश हैं और उन्हें शुक्रिया अदा किया है.

बजट में की बढ़ोतरी

शिंदे सरकार की इस योजना के तहत मदरसों में पारंपरिक धार्मिक शिक्षा के साथ गणित, समाजशास्त्र, हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और उर्दू पढ़ाने वाले टीचर्स की नियुक्ति की जाती है.सरकार ने मौलाना आजाद अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम का बजट भी 700 करोड़ रुपये से अब 1000 करोड़ रुपये कर दिया है.

ओबीसी और आदिवासियों के लिए एलान

मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पहले ओबीसी वर्ग के लिए भी अहम फैसला किया है. कैबिनेट ने केंद्र से ओबीसी वर्ग के लिए नॉन-क्रीमी लेयर की सीमा 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 17 लाख रुपये करने की सिफारिश की है. राज्य सरकार ने आदिवासी समुदाय के लिए शबरी आदिवासी वित्त निगम के लिए अपनी गारंटी 50 करोड़ रुपये की जगह 100 करोड़ रुपये कर दी है. इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया है. इससे डेरी व्यवसाय में वृद्धि होगी.

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