'नई पीढ़ी न चाहती है रिलोकेशन और न ही WFO', L&T के चैयरमैन का दावा- सरकारी स्कीमों से हो रहा नुकसान
L&T chairman On New generation: सुब्रह्मण्यन ने दावा किया कि रूरल वर्कर अच्छे घर और अपार्टमेंट उपलब्ध कराए जाने के बावजूद अर्बन एरिया की ओर पलायन करने को तैयार नहीं हैं.

L&T chairman On New generation: ड्रामा और समझौता नई पीढ़ी को नहीं है पसंद! ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ऐसी कहना है लार्सन एंड टूब्रो के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस.एन. सुब्रह्मण्यन का. उन्होंने कहा कि लेबर मोबिलाइजेशन पर ध्यान दिए बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता, लेकिन आज की नई पीढ़ी (Gen Z) न तो रिलोकेट करना चाहते है और न ही ऑफिस आकर काम करना पसंद कर रहे हैं.
CII की एक इवेंट में मंगलवार को सुब्रमण्यन ने कहा कि युवा कर्मचारी दूसरे शहरों में जाने या ऑफिस से काम करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जब मैंने 1983 में L&T ज्वाइन किया था, तो मेरे बॉस ने कहा था कि अगर आप चेन्नई से हैं तो दिल्ली जाकर काम करें.'
नई पीढ़ी के वर्कर्स के साथ बड़ा चैलेंज
उन्होंने इसी कंडीशन को आज से जोड़कर कहा, 'आज अगर मैं चेन्नई से किसी लड़के को लेकर जाता हूं और उसे दिल्ली जाकर काम करने के लिए कहता हूं, तो वह 'बाय' कह देता है. मैं ऐसा नहीं कर सकता. आज दुनिया अलग है. IT सेक्टर में स्थिति और भी खराब है. अगर आप उसे ऑफिस आकर काम करने के लिए कहते हैं, तो वह बाय कह देता है.'
सुब्रह्मण्यन ने कहा कि पुरानी पीढ़ी इसे समझने और लचीली नीतियां लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन देश लेबर मोबिलाइजेशन पर ध्यान दिए बिना आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण उद्योग को मजदूरों को जुटाने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि देश के ग्रामीण इलाकों से मजदूर अच्छे आवास उपलब्ध कराने के बावजूद शहरी इलाकों में जाने को तैयार नहीं हैं.
इसके लिए उन्होंने कई सरकारी योजनाओं को जिम्मेदार ठहराया है. कुछ सप्ताह पहले सुब्रह्मण्यन उस समय विवादों में आ गए थे जब उन्होंने सप्ताह में 90 घंटे काम करने की वकालत की थी.