देशभर में IndiGo को लेकर हाहाकार! DGCA ने CEO को भेजा नोटिस, 24 घंटे में जवाब नहीं तो कार्रवाई- पढ़ें अब तक के Top Updates
IndiGo एयरलाइन की देशभर में फ्लाइट देरी और कैंसिलेशन से हाहाकार मचा हुआ है. हजारों यात्री घंटों फंसे रहे, कई जगह हंगामा भी हुआ. DGCA ने सख्ती दिखाते हुए IndiGo के CEO को कारण बताओ नोटिस भेजा है और 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है. नियामक ने कहा कि FDTL के नए नियम लागू करने के लिए इंडिगो ने पर्याप्त तैयारी नहीं की, जिसके कारण बड़े पैमाने पर ऑपरेशनल गड़बड़ियां हुईं.
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo इन दिनों इतिहास के सबसे बड़े ऑपरेशनल संकट से गुजर रही है. पांच दिनों से जारी फ्लाइट कैंसिलेशन और भारी देरी ने देशभर के एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मचा दी है. हजारों यात्री फंस गए, रनवे जाम हुए और सोशल मीडिया शिकायतों से भर गया. ऐसे में शनिवार को DGCA ने कड़ा रुख अपनाते हुए सीधा IndiGo के CEO पीटर एल्बर्स (Pieter Elbers) को शो-कॉज़ नोटिस ठोक दिया.
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नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने साफ कहा है कि इंडिगो का यह ‘ऑपरेशनल मेल्टडाउन’ शीर्ष प्रबंधन की भारी लापरवाही का नतीजा है. नियामक ने CEO को 24 घंटे में जवाब देने का आदेश दिया है, नहीं तो एक्स-पार्टी कार्रवाई की चेतावनी दे दी गई है. साफ शब्दों में बचना मुश्किल है.
DGCA का सीधा आरोप- 'CEO फेल हुए, प्लानिंग में भारी गड़बड़ी'
नोटिस में DGCA ने कहा कि IndiGo की शेड्यूल्ड उड़ानों में “massive disruptions” देखे गए, जिससे “severe inconvenience, hardship and distress” यात्रियों को झेलना पड़ा. नोटिस में कहा गया कि यह देखा गया है कि एम/एस इंडिगो एयरलाइंस की निर्धारित उड़ानों में हाल ही में भारी व्यवधान उत्पन्न हुए हैं, जिसके कारण यात्रियों को गंभीर असुविधा, परेशानी और तनाव का सामना करना पड़ा है.'
DGCA के अनुसार एयरलाइन के ऑपरेशनल संकट का मुख्य कारण नए Flight Duty Time Limitation (FDTL) नियमों को लागू करने में की गई लापरवाही है. एयरलाइन समय पर पायलट रोस्टर, स्टाफिंग और रिसोर्स मैनेजमेंट तैयार नहीं कर पाई, जिसका नतीजा-बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन और डिले.
FDTL लागू करने में गड़बड़- यहीं से बिगड़ा पूरा खेल
DGCA का कहना है कि इंडिगो ने नए FDTL मानकों को लागू करने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं कीं. नोटिस में लिखा है कि उक्त उड़ान व्यवधानों का मुख्य कारण स्वीकृत FDTL योजना के सुचारू कार्यान्वयन के लिए संशोधित आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु उचित व्यवस्थाएँ न करना है. इस गड़बड़ी ने पायलट शॉर्टेज बढ़ाई और ऑपरेशनल नेटवर्क चेन की तरह टूट गया.
एयरलाइन की प्लानिंग और ओवरसाइट में ‘सुनामी जैसी चूक’-DGCA
DGCA ने साफ कहा कि यह पूरी घटना इंडिगो की प्लानिंग, ओवरसाइट और रिसोर्स मैनेजमेंट में बड़े स्तर की गलती को उजागर करती है. नोटिस में CEO को सीधे संबोधित करते हुए लिखा गया कि “सीईओ के रूप में एयरलाइन के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है… विश्वसनीय संचालन के लिए समय पर व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने में आप अपने कर्तव्य में विफल रहे हैं.” यह भी कहा गया कि इंडिगो ने पहले से दिए गए निर्देशों और अनुमानों को नजर अंदाज किया.
24 घंटे का अल्टीमेटम- वरना शुरू होगी कार्रवाई
DGCA ने पीटर एल्बर्स को 24 घंटे में पूरा जवाब देने का आदेश दिया है. यदि जवाब नहीं आया- एजेंसी मुद्दे का निर्णय ‘ex parte’ करेगी, यानी कार्रवाई तय मानी जाए. क्राइसिस का ग्राउंड रिपोर्ट: देश के एयरपोर्ट्स में दहशत जैसा माहौल. इंडिगो का संकट शनिवार को पाँचवें दिन में पहुँच गया. देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट मुंबई में 109 उड़ानें, जबकि दिल्ली में 86 उड़ानें कैंसिल हुईं. लाखों यात्रियों को होटल, एयरपोर्ट फ्लोर और टिकट काउंटरों पर रातें गुज़ारनी पड़ीं.
केंद्र सरकार की एंट्री- FDTL रोक, हाई-लेवल जांच और ऑटो-रिफंड का आदेश
शुक्रवार को केंद्र ने हालात बिगड़ते देख बड़ा कदम उठाया- FDTL नॉर्म्स को अस्थायी रूप से रोक दिया. इंडिगो से सभी कैंसिल फ्लाइट्स के लिए ऑटोमेटिक रिफंड देने को कहा. DGCA को हाई-लेवल जांच का आदेश. इंडिगो की मजबूरी? 400+ विमान, 2,300 उड़ानें-लेकिन पायलट की भारी कमी. इंडिगो रोजाना 2,300 उड़ानें संचालित करती है. लेकिन रोस्टर प्लानिंग फेल होने से पायलटों की अचानक कमी हो गई और यही बने पूरे संकट के असली खलनायक.
अब तक का पूरा बवाल: क्या-क्या हो चुका है? (Quick Recap)
- देशभर में पांच दिन से भारी उड़ान अव्यवस्था
- यात्रियों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फटा
- DGCA ने CEO को कड़ी भाषा में नोटिस
- नया FDTL लागू करने में लापरवाही का आरोप
- मुंबई, दिल्ली में सबसे ज्यादा कैंसिलेशन
- केंद्र सरकार ने जांच और रिफंड आदेश जारी किया
- इंडिगो के ऑपरेशंस पर ‘सबसे बड़ा संकट’





