Begin typing your search...

ट्रेनों में सफाई को लेकर आधे से ज्‍यादा यात्री दुखी, CAG की रिपोर्ट में शिकायतों का अंबार; पर कुछ पॉजिटिव भी है...

Indian Railways: CAG की रिपोर्ट में पता चला कि 96 ट्रेनों में पाया गया कि 40% से ज्यादा यात्री शौचालयों की स्वच्छता से असंतुष्ट हैं. AC कोचों में बायो-टॉयलेट्स की हालत नॉन-AC कोचों की तुलना में बेहतर पाई गई है.

ट्रेनों में सफाई को लेकर आधे से ज्‍यादा यात्री दुखी, CAG की रिपोर्ट में शिकायतों का अंबार; पर कुछ पॉजिटिव भी है...
X
( Image Source:  canava )

Indian Railways: भारत में रोजाना लाखों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. लंबी दूरी की यात्रा के लिए ट्रेन सबसे अच्छा ट्रांसपोर्ट माना जाता है. फेस्टिवल सीजन में तो यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है. इसलिए ट्रेन में साफ-सफाई को बनाए रखना भी एक बड़ा चेलेंज बन जाता है. खासकर डिब्बों और टॉयलेट की हालात तो बहुत बुरी होती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेलवे में लंबी दूरी की ट्रेनों में सफाई बहुत गंभीर मुद्दा है. यहां कोच के डिब्बे और टॉयलेट में बहुत गंदगी रहती है. इस संबंध में CAG (comptroller and auditor general) ने एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है, उसे देखकर आपके भी होश उड़ जाएंगे.

ट्रेन की सफाई पर CAG की रिपोर्ट

CAG की रिपोर्ट में पता चला कि 96 ट्रेनों में पाया गया कि 40% से ज्यादा यात्री शौचालयों की स्वच्छता से असंतुष्ट हैं जबकि आधे से ज्यादा यात्रियों ने ऑन-बोर्ड हाउसकीपिंग सेवाओं को भी खराब बताया. उनकी शिकायतों में टोला(जाम हुए) टॉयलेट, गंदे वॉशबेसिन, पानी की कमी और गंदे वेस्टिब्यूल क्षेत्र शामिल थी.

इस सर्वे में 2018-19 से 2022-23 तक के हालात को कवर किया गया है. रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि करीब 89% शिकायतों का समय पर समाधान किया गया. स्वच्छता में कमी का मुख्य कारण समुचित जनशक्ति, पर्याप्त साफ़-सफाई उपकरणों की कमी और अनियमित निगरानी को बताया गया है. AC कोचों में बायो-टॉयलेट्स की हालत नॉन-AC कोचों की तुलना में बेहतर पाई गई है.

यहां 90 फीसदी पॉजिटिव रिएक्शन

उत्तरी और उत्तर मध्य रेलवे में यात्री सफाई से 90 फीसदी संतुष्ट नजर आए. साथ ही स्वच्छता को बनाए रखने के लिए जागरूकता फैलाने की सिफारिश की गई. इस सर्वे में कुल 2,426 यात्री शामिल हुए थे, जिसमें 366 (15 फीसदी) शौचालयों या वॉशबेसिन में पानी की कमी की समस्या को बताते नजर आए.

साल 2022-23 में रेल मदद ऐप के जरिए ट्रेनों के शौचालयों और वॉशबेसिन में पानी की कमी से जुड़ी 1 लाख से ज्यादा शिकायत मिली. CAG ने इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे से व्यवस्था को बेहतर करने की अपील की. खासकर लंबी दूरी वाली ट्रेनों में, जिनमें यात्रियों की संख्या भी लाखों में होती है. वहीं 12 क्षेत्रों 29 क्षेत्रों में सीटीएस शौचालय और अन्य हिस्सों की सीमित सफाई व मशीनों के इस्तेमाल की कमी पाई गई.

India News
अगला लेख