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आंख उठाकर देखने की हिमाकत नहीं करेगा दुश्‍मन, Indian Navy को मिली एक और परमाणु पनडुब्‍बी

भारत ने अपनी चौथी परमाणु पनडुब्बी को लॉन्च कर दिया है. पनडुब्बी कोडनेम S1 रखा गया है. इसके निर्माण में लगा 75 फीसदी सामान भारत निर्मित है. यह 3500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल से लैस है.

आंख उठाकर देखने की हिमाकत नहीं करेगा दुश्‍मन, Indian Navy को मिली एक और परमाणु पनडुब्‍बी
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निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 22 Oct 2024 12:49 PM IST

Indian Navy: भारतीय नौसेना की ताकत एक बार फिर बढ़ गई है. भारत ने अपनी चौथी परमाणु पनडुब्बी को लॉन्च कर दिया है. सरकार ने विशाखापट्टनम के शिप बिल्डिंग सेंटर में बैलिस्टिक मिसाइल (एसएसबीएन) पनडुब्बी को पेश किया है.

रक्षा मंत्री राजनाथ ने 16 अक्टूबर को इस पनडुब्बी को लॉन्च किया था. इसके निर्माण में लगा 75 फीसदी सामान भारत निर्मित है. इसका कोडनेम S4 है. यह 3500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल से लैस है.

क्या है पनडुब्बी S4 की खासियत?

पनडुब्बी S4 में 500 किमी रेंज वाली K-4 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस की गई है. जिसे मदद से वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम के माध्यम से दागा जा सकता है. यह श्रेणी का पहला आईएनएस अरिहंत 750 किमी रेंज वाली K-15 परमाणु मिसाइलों को ले जा सकता है.

क्यों रखा गया S4 नाम

नौसेना ने भारत की पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस चक्र का नाम S1 रखा था. आईएनएस अरिहंत को S2 , आईएनएस अरिघात को S3 और आईएनएस अरिदमन को S4 नाम दिया गया है. बता दें कि पनडुब्बी का आधिकारिक नाम की घोषणा अभी बाकी है. यह पनडुब्बी INS अरिधमान का अपडेटेड वर्जन है. अगली पनडुब्बियां 500 किलोमीटर से अधिक दूरी वाली मिसाइलों के साथ आएंगी, जो भारत की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाएंगी.

युद्ध के मैदान में सेना दिखाएगी अपनी ताकत

केंद्र सरकार चीन जैसे विरोधियों देशों को ध्यान में रखते पनडुब्बी को लॉन्च किया है. सरकार ने भारतीय नौसेना के परमाणु हमले और बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों को प्राथमिकता दी है. बता दें कि सरकार ने इस साल दिसंबर में चालू होने वाली कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वाग्शीर के साथ पारंपरिक पनडुब्बी की क्षमता को भी बढ़ा दिया है.

नई पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी

केंद्र सरकार ने नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए एक और पहल की है. सरकार फ्रेंच नेवल ग्रुप के सहयोग से मझगांव डॉकयार्ड में तीन और उन्नत डीजल अटैक पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी देगी. हिंद महासागर में 10-11 पीएलए युद्धपोतों और 2025-26 में वाहक आधारित लंबी दूरी तय कर रहे हैं. वहीं रणनीतिक पनडुब्बियां भारत की रक्षा करने और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) पर हावी होने में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं.

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