पलट रहा है पासा! हथियारों का सबसे बड़ा डीलर बन रहा भारत, अमेरिका समेत इन बड़े देशों में हो रहे हैं निर्यात
India becoming biggest arms dealer: भारत ने अपने डिफेंस निर्यात में वृद्धि की है, जिसमें आर्मेनिया आकाश मिसाइलों और पिनाका रॉकेट जैसी हथियारों के शीर्ष खरीदार है. निर्यात के सौदे में फिलीपींस और ब्राजील जैसे अन्य देशों भी शामिल हैं.

India becoming biggest arms dealer: भारत घातक हथियारों के निर्माण और निर्यात को लेकर तेजी से उभर रहा है. आर्मेनिया भारत का आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम और 155 मिमी आर्टिलरी गन जैसे तैयार हथियार प्रणालियों का सबसे बड़ा कस्टमर बनकर उभरा है. जबकि एक समय था कि भारत को हथियारों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था. बढ़ते भारत के साथ हथियारों के निर्माण में भी देश आगे बढ़ रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया तीनों देश भारत के सबसे बड़े कस्टमर के तौर पर सामने आए हैं. इसमें 2023-24 में अन्य देशों को 21083 करोड़ रुपये की सैन्य बिक्री की है. भारतीय सार्वजनिक और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां अब लगभग 100 देशों को हथियारों, गोला-बारूद और फ्यूज का निर्यात कर रही हैं, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल, डोर्नियर-228 विमान, आर्टिलरी गन, रडार, आकाश मिसाइल , पिनाका रॉकेट और बख्तरबंद वाहन जैसे कुछ पूर्ण हथियार प्रणालियां और प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं.
अमेरिका को भारत कर रहा है निर्यात
अमेरिका को निर्यात में मुख्य रूप से सब-सिस्टम और कॉम्पोनेंट शामिल हैं, जिनमें बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी ग्लोबल डिफेंस कंपनियां शामिल हैं. इसके साथ भारत से विमानों और हेलीकॉप्टरों के धड़, पंख और अन्य भागों की खरीद करती हैं. उदाहरण के लिए हैदराबाद में टाटा बोइंग एयरोस्पेस इंडस्ट्री अपाचे अटैक हेलिकॉप्टरों के लिए धड़ और द्वितीयक संरचनाएं बना रहा है. इसके बदले में फ्रांस बहुत सारे सॉफ़्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आयात कर रहा है.
पूर्व सोवियत गणराज्य आर्मेनिया ने पिछले चार सालों में भारत के साथ मिसाइलों, आर्टिलरी गन, रॉकेट सिस्टम, हथियार-स्थान निर्धारण रडार, बुलेट-प्रूफ जैकेट और नाइट-विजन उपकरण जैसे 'तैयार उत्पादों' के आयात के लिए कई सौदे किए हैं. इस साथ ही कई तरह के गोला-बारूद और तोपखाने के गोले भी हैं.
आर्मेनिया बना सबसे बड़ा कस्टमर
आर्मेनिया स्वदेशी रूप से विकसित आकाश एयर डिफेंस मिसाइलों का पहला विदेशी कस्टमर बन गया है, जिसकी अवरोधन सीमा 25 किलोमीटर है. वहीं ब्राजील जैसे अन्य देश भी इस प्रणाली के उन्नत संस्करणों के भारत के साथ उत्पादन और विकास के लिए उत्सुक हैं. भारत ने जनवरी 2022 में फिलीपींस को तीन ब्रह्मोस एंटी-शिप तटीय मिसाइल बैटरियों के निर्यात के लिए समझौता किया है. आसियान देशों के साथ-साथ कुछ खाड़ी देश भी भारत और रूस की एक साथ विकसित की गई सटीक-स्ट्राइक मिसाइलों में रुचि दिखाई हैं.