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BRICS में दिखा भारत का दबदबा, PM मोदी के रूस दौरे से क्या-क्या हुआ हासिल?

BRICS Summit 2024: पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने के बाद दिल्ली लौट आए हैं, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण रहा. कजान में हुई इस बैठक में मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन सहित कई अन्य नेताओं से मुलाकात की. खासकर, मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने खास ध्यान आकर्षित किया.

BRICS में दिखा भारत का दबदबा, PM मोदी के रूस दौरे से क्या-क्या हुआ हासिल?
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Modi With Putin
( Image Source:  X )
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 24 Oct 2024 1:54 PM IST

BRICS Summit 2024: पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने के बाद दिल्ली लौट आए हैं. यह समिट भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा, खासकर वर्तमान में वैश्विक स्तर पर चल रहे संघर्षों के बीच कजान शहर में हुई इस बैठक में पीएम मोदी की मुलाकात रूस के राष्ट्रपति पुतिन समेत कई अन्य राष्ट्राध्यक्षों से हुई, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक पर केंद्रित रहा. इस बीच आइए इस खबर में जानते हैं भारत को क्या हासिल हुआ.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सोशल मीडिया (X) पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन बहुत सार्थक रहा. विविध मुद्दों पर चर्चा करने और विभिन्न विश्व नेताओं से मिलने का अवसर मिला. मैं राष्ट्रपति पुतिन, रूसी लोगों और सरकार को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं. यहां मुख्य अंश हैं.


5 साल बाद मोदी और जिनपिंग की मुलाकात

पीएम मोदी के इस ब्रिक्स समिट के दौरे में सबसे पहले भारत को 'हासिल' चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक थी. चार साल पहले 2020 में गलवान घाटी के दोनों के बीच झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्तों में काफी तनाव देखने को मिला था. लेकिन इस समिट के माध्यम से दोनों देश के बीच अच्छे रिश्ते मेज पर आ पाए.

इसके साथ रूस के कजान शहर में ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के साथ 50 मिनट की बैठक हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं ने LAC पर सैन्य गतिरोध खत्म करने को लेकर बनी सहमति को लेकर सकारात्मक रूख अपनाया. इस दौरान दोनों देश के सैनिकों के पीछे हटने के मामले और उसे सुलझाने के लिए समझौते का स्वागत किया.

'हमारे रिश्तों में अनुवाद की जरूरत नहीं'

ब्रिक्स समिट में भारत और रूस की दोस्ती को एक और नया आयाम दिया. जुलाई में कजाकिस्तान में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से नदारद रहे पीएम विशेष रुप से रूप राष्ट्रपति के आह्रान पर ब्रिक्स में शामिल होने के लिए कजान गए.

बातचीत के दौरान पीएम मोदी हिंदी और राष्ट्रपित पुतिन रूसी भाषा में बात कर रहे थे दोनों नेताओं की बातों को हिंदू और रूसी में अनुवाद किया जा रहा था लेकिन पुतिन ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और रूस के संबंध इतने प्रगाढ़ है कि मुझे लगता है आप मेरी बातें बना अनुवाद के ही समझ सकते हैं पीएम मोदी पुतिन के टिप्पाणी को सुनते ही खिलखिला उठे.

ब्रिक्स करेंसी की पहली तस्वीर आई सामने

रूस के कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान ब्रिक्स करेंसी पर चर्चा हो रही थी, जिसकी पहली तस्वीर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिक्स देश करेंसी बैंकनोट लॉन्च की योजना बना रहे हैं. इस कदम से अमेरिकी डॉलर पर असर देखने को मिल सकता है.


भारत और मिस्र की पार्टनरशिप पर हुई बात

रूस के कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान पीएम मोदी ने मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल- किसी से भी मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने मिस्त्र के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की. दोनों पंक्षों ने इस साझेदारी को बढ़ाने और भावी योजनाओं पर बात की.

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